अजमेर। महिलाओं की सामाजिक व धार्मिक संगठन संजीवनी क्लब की ओर से गंज स्थित जनकपुरी में चल रही नानी बाई की कथा के दूसरे दिन गुरुवार को संत पुष्कर दास महाराज ने नानी बाई के विवाह के प्रसंग सुनाकर भक्तों को मंत्र मुग्ध कर दिया। संगीतमय कथा श्रवण कर भक्त भक्ति रस में डूबे रहे।
संत पुष्कर दास महाराज ने भजनों के साथ कथा के प्रसंग सुनाते अपनी अमृत वाणी में कहा कि संत लोग कहते हैं, दिल भी एक मंदिर है, इसे हमें साफ रखना चाहिए। मन रूपी मंदिर को कभी मैला नहीं होने देना चाहिए और सत्संग सुनकर इस मन मंदिर को साफ करते रहना चाहिए। महाराज ने कहा कि संसार की सेवा करो, पर दिल में प्रभु को बिठाओ। सब लोग सांसारिक मोह में फंसे हैं। नरसी जी महाराज ने हर समस्या होने पर भगवान को याद किया।
उन्होंने कहा कि कोई किसी को सुख नहीं देता और दुख नहीं देता है। सब अपने कर्मो का फल पाते हैं। शास्त्रों में लिखा है कि सबको अपने कर्मो का फल मिलता है। दुख अपने ही कर्मो का फल है, भगवान कभी किसी को दुख नहीं देता है। जो परमात्मा के पास रहेगा, वो दुख से दूर रहेगा। जिसके जीवन में भजन होगा, उसके जीवन से दुख टकराकर वापस लौट जाएगा और दुख का प्रभाव कम हो जाएगा।
महाराज ने कहा कि नरसी जी महाराज के जीवन में कभी दुख असर नहीं करता है, क्योंकि उनके जीवन में भजन कीर्तन का सदैव वास रहा। नरसी जी के जीवन में परमात्मा का साथ था, इसलिए उनके जीवन से दुख दूर रहता था। इसलिए नरसी जी महाराज की कथा का सभी श्रवण करना चाहिए।
महाराज ने कहा कि सत्संग करना और कराना जीवन में सबसे पुण्य और श्रेष्ठ कार्य है। महाराज ने दिल में तुझे बैठा के कर लूंगी में बंद आंखें, पूजा करूंगी तेरी और होके रहूंगी तेरी भजन सुनाकर सबको भक्ति रस से आनंदित कर दिया।
क्लब की सचिव सुनीता गोयल व उषा शर्मा ने बताया कि कथा के शुभारंभ में गिरधारी मंगल व रवि शर्मा ने महाराज को माला पहनाकर व जयंत सूद और कृष्ण कांत शाह ने शॉल ओढ़ाकर कर अभिनंदन किया। व्यास पीठ की पूजा व आरती नमिता खंडेलवाल, निर्मला मित्तल, निशा गोयल, पुष्पा बाहेती, रेखा गोयल, रेखा खंडेलवाल, सविता जिंदल, सीमा गर्ग, शकुंतला मित्तल, सोनल बिंदल, कविता बंसल ने यजमान के रूप में की।
कथा में आनंदी लाल अरोड़ा, गोपाल कांच वाले, उमेश गर्ग, कालीचरण खंडेलवाल, किशन चंद बंसल, ओम मंगल, गिरधारी लाल मंगल, अशोक पंसारी आदि भक्त मौजूद रहे। कथा के बाद प्रसाद वितरित किया गया। क्लब संरक्षिका कमलेश मंगल ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर 2 बजे नानी बाई का मायरा भरने की कथा होगी।