अजमेर। विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत मंत्री एडवोकेट शशि प्रकाश इंदौरिया ने 100 अरब हस्तलिखित श्रीराम नाम परिक्रमा के दौरान बताया कि देश ही नहीं पूरे विश्व में रामलला मंदिर की प्राणकृप्रतिष्ठा को लेकर उत्साह हैं। त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम का जन्म अभिजीत मुहूर्त में हुआ था और 22 जनवरी सोमवार के दिन मृगशिरा नक्षत्र पड़ रहा है जिसमें अभिजीत मुहूर्त का संयोग बन रहा है।
ये अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से शुरू होगा जो 12 बजकर 54 मिनट तक रहने वाला है। यही कराण है कि इस तिथि को रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा के लिए चुना गया है। साथ ही यह भी माना जा रहा है कि इस शुभ मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करने से प्रभु श्रीराम सदैव मूर्ति के अंदर विराजमान रहेंगे।
पंचांग देखकर ही सनातन धर्म में होते शुभ कार्य
यदि सनातन धर्म की बात की जाए तब शुभ कार्य करने से पहले पंचांग देखा जाता है। इसी के अनुसार शुभ मुहूर्त देखकर कार्य का शुभारंभ होता है। ऐसे में पंचांग एवं अन्य घटकों को ध्यान में रखते हुए रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी 2024, पौष माह के द्वादशी तिथि को चुना गया है। इस विशेष तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग जैसे कई शुभ योग बन रहे हैं। जो दिन के 12 बजकर 29 मिनट और 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकंड तक अर्थात 84 सैकंड तक होगा।