जयपुर। राजस्थान की नवगठित सोलहवीं विधानसभा के प्रथम सत्र के दूसरे दिन मंगलवार की कार्यवाही हंगामेदार रही और इस दौरान कांग्रेस सदस्यों ने राजीव गांधी युवा मित्रों को हटाने के मामले को लेकर सदन का बहिर्गमन भी किया।
शून्यकाल में स्थगन प्रस्ताव के तहत कांग्रेस सदस्य रोहित बोहरा ने राजीव युवा मित्रों को हटा देने का मामला उठाते हुए सरकार से इस संबंध में अपना फैसला वापस लेने की मांग की। इस दौरान बोहरा एवं संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल के बीच नोंकझोंक हुई और सदन में हंगामा हुआ। बीएपी के राजकुमार रोत ने भी यह मुद्दा उठाया। इस मुद्दे पर विपक्ष के सदस्य सरकार से जवाब लेना चाहा।
इस दौरान विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने मांग करते हुए कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा हैं और इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए और इस पर जवाब देना चाहिए लेकिन सरकार की तरफ से इस पर कोई जवाब नहीं आने पर कांग्रेस के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।
इससे पहले सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरु होने पर पहले ही प्रश्न के दौरान भी हंगामा शुरु हो गया। इस दौरान पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच नोकझोंक एवं शोरगुल हुआ और विपक्ष कांग्रेस सदस्यों एवं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सदस्य हनुमान बेनीवाल ने वेल में आकर पेपरलीक से जुड़े प्रश्न का जवाब की मांग करते हुए नारेबाजी कर हंगामा किया।
प्रश्नकाल में आज सोलह प्रश्न रखे गए जिनमें दस प्रश्न ही लग पाए और इनमें कई प्रश्नों के उत्तर के समय हंगामें की स्थिति बनी। इस दौरान निर्दलीय विधायक चन्द्रभान सिंह चौहान के प्रश्न प्रदेश में बेरोजगारों को देय बेरोजगारी भत्ता? का कौशल?, नियोजन एवं उद्यमिता मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जब जवाब देने लगे तो चौहान ने कहा कि मंत्री का जवाब इस सवाल से संबंधित नहीं हैं। इसके बाद भी मंत्री फिर से इसी जवाब को पढ़ने लगे तो विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने उन्हें इस बारे में बताने पर वह इस प्रश्न का जवाब दिया। इस पर विपक्ष के सदस्यों को बोलने का मौका मिल गया और कुछ देर तक सदन में इसे लेकर शोरगुल हुआ।
जूली ने कहा कहा कि सरकार के मंत्री को पता ही नहीं है कि प्रश्न क्या है और जवाब क्या दे रहे हैं। इसके बाद प्रश्नकाल में ही विधायक इंद्रा के सवाल प्रदेश में महिलाओं को स्मार्ट फोन का वितरण पर सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री राठौड़ ने जवाब के दौरान कुछ समय लेने पर फिर विपक्ष के सदस्यों ने उन्हें घेरने का प्रयास किया और जूली ने कहा कि आज सदन में मंत्री जवाब ही नहीं दे पा रहे हैं, वे सदन में तैयारी करके नहीं आए हैं और उन्हें मालूम ही नहीं हैं कि प्रश्न क्या हैं।
जब आसन पैरों पर हो, तो कोई सदन से बाहर न जाए : देवनानी
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मंगलवार को सदन में व्यवस्था देते हुए कहा कि जब आसन पैरों पर हो, तो कोई भी सदन से बाहर नहीं जाएगा।
देवनानी ने प्रक्रिया एवं कार्य संचालन के नियम 269 का हवाला देते हुए यह व्यावस्था दी। उन्होंने कहा कि सदन के नियमों, गरिमा, एवं परम्परा के दृष्टिगत जब आसन पैरों पर हो तो सदन से कोई भी सदस्य और अधिकारी दीर्घा से कोई भी बाहर नहीं जाएगा।
प्रश्नकाल समाप्त होते ही देवनानी शून्यकाल में स्थगन प्रस्ताव एवं नियम 295 के तहत बोलने वाले विधानसभा सदस्यों के बारे में जब व्यवस्था दे रहे थे तभी कुछ अधिकारी अपनी दीर्घा से उठकर बाहर जाने लगे। इस पर अध्यक्ष ने इन अधिकारियों को टोका और बाद में यह व्यवस्था दी।