जयपुर। राजस्थान की सोलहवीं विधानसभा के प्रथम सत्र शुरु होने पर विधानसभा में दिए राज्यपाल कलराज मिश्र के अभिभाषण पर मंगलवार को चर्चा शुरु हुई।
सदन में भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ विधायक अनीता भदेल ने अभिभाषण पर वाद-विवाद के लिए प्रस्ताव रखा और इसके बाद शुरु हुई चर्चा में भदेल ने अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का जिक्र करते हुए कहा कि पांच सौ वर्षों की लड़ाई के बाद यह शुभ दिन आया जिसमें भगवान श्राराम की अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा हुई जबकि कांग्रेस नेताओं ने इसके लिए आयोजित समारोह के निमंत्रण पत्र को ही ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिला एवं किसानों को कर्ज माफी का फायदा नहीं मिला।
इसी तरह चर्चा में विधायक शंकर सिंह रावत, थावर चंद, छगन सिंह राजपुरोहित, फूल सिंह मीणा, सुभाष मील, श्रवण कुमार सहित अन्य कई सदस्यों ने भाग लिया। इस दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने अभिभाषण की सराहना करते हुए भजन लाल सरकार के आते ही कुछ ही समय में सौ दिन की कार्ययोजना एवं पेपरलीक एवं अपराध को लेकर की गई कार्यवाही के लिए सरकार को धन्यवाद दिया। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कहा कि पेपर लीक मामले में एसआइटी का गठन कर दिया गया और अपराध पर नियंत्रण के लिए एंटी गैंगस्टर टाक्स फोर्स का गठन कर काम शुरु कर दिया गया हैं।
इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने चर्चा के लिए समय का आवंटन किया जिसमें सत्तारुढ़ भाजपा के सदस्यों को इस पर बोलने के लिए नौ घंटे 12 मिनट, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के लिए पांच घंटे 36 मिनट, बीएपी के लिए 14 मिनट, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी एवं राष्ट्रीय लोकदल के लिए पांच-पांच मिनट तथा निर्दलीयों के लिए 38 मिनट का समय चर्चा के लिए आवंटित किया। चर्चा के बाद इस पर 30 जनवरी को सरकार की तरफ से जवाब आएगा।