जयपुर/अजमेर। राजस्थान सरकार और मध्य प्रदेश सरकार के बीच दशकों से लंबित पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के एमओयू पर हस्ताक्षर होने के साथ ही मरु प्रदेश में खुशी की लहर दौड गई।
जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने बताया कि इस परियोजना से चंबल के पानी को राजस्थान में लाने की ड्राइंग, वित्तीय भार एवं संसाधनों आदि पर सहमति हो चुकी है। ईआरसीपी परियोजना राजस्थान के 13 जिलों के लिए जीवन दायिनी साबित होगी। इसके तहत पार्वती-काली सिंध-चंबल नदी के लिंक के रूप में पानी राजस्थान के 13 जिलों में सिंचाई और पेयजल के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। जिससे आगामी वर्षों में हमारे प्रदेश के सूखे राजस्थान की बजाय हरे-भरे राजस्थान की परिभाषा शीघ्र परिलक्षित होगी।
रावत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पदभार ग्रहण करते ही सर्वप्रथम इस योजना में आ रही कठिनाइयों की तरफ ध्यान देकर महज 10 दिन के भीतर ही केंद्र सरकार से ईआरसीपी परियोजना पर समस्त प्रकार की सहमति प्राप्त कर ली थी।
रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में मंत्री पद की शपथ लेते ही इससे जुडे अधिकारियों एवं संबंधित प्रभारियों की मीटिंग आहूत कर इस परियोजना को शीघ्रातिशीघ्र लागू करने की कार्य योजना बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। जिसका सुखद परिणाम सामने आ गया है। इस बहुप्रतीक्षित परियोजना पर दोनों राज्यों के बीच एमओयू हस्ताक्षर हो चुका है। शीघ्र ही इस परियोजना को राजस्थान के धरातल पर उतारने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।
जल संसाधन मंत्री रावत ने बताया कि उक्त परियोजना की ड्राइंग में अजमेर जिले के हितों की अनदेखी की गई थी। आखिरकार ड्राइंग में व्यापक परिवर्तन करवाया गया और अजमेर जिले के अनेकों तालाबों, बांधों को भी इस परियोजना से जुडवाया गया। मेरा भी पुष्कर विधानसभा क्षेत्र वासियों को वादा था कि चंबल का पानी पवित्र पुष्कर सरोवर में लाया जाएगा।
पुष्कर राज और जगत पिता ब्रह्माजी के आशीर्वाद से मेरा यह अटल संकल्प पूरा होने जा रहा है। ड्राइंग में आवश्यक परिवर्तन करवाए जाकर अब पुष्कर विधानसभा क्षेत्र चंबल का पानी मुहामी, कायड, सिंगला जैसे अनेकों प्रमुख तालाबों और बांधों को जोड़ते हुए पवित्र पुष्कर सरोवर तक पहुंचाया जाना भी सुनिश्चित कर लिया गया है।
जल संसाधन मंत्री रावत ने बताया कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना प्रदेश की सबसे बड़ी नहर परियोजना है। इसके तहत पूर्वी राजस्थान के 13 जिले झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक को पेयजल और 2,80,000 हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इस परियोजना से कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आय बढ़ेगी। इस परियोजना से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
इस परियोजना पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार पांच साल राजनीति करती रही और उसका पूरा प्रयास रहा कि इसमें कोई प्रगति न हो। राष्ट्रीय परियोजना के नाम पर इस मुद्दे पर सियासत के सिचा कांग्रेस ने कुछ नहीं किया। पिछली भाजपा सरकार ने इस परियोजना की शुरूआत की थी लेकिन बीते पांच साल में इस परियोजना के नाम पर महज खानापूर्ति की गई है।
कांग्रेस सरकार ने रिफाइनरी और ईआरसीपी जैसी परियोजनाओं को पूरा करने की जगह अटकाने का काम किया। अब प्रदेश में डबल इंजन की सरकार की प्राथमिकता यह परियोजना ही है जिससे हमारा प्रदेश हरे-भरे राजस्थान के रूप में विकसित हो सकेगा।
आमजन ने मंत्री सुरेश रावत को दी बधाइयां
ईआरसीपी परियोजना पर राजस्थान और मध्यप्रदेश की सरकारों के बीच ओएमयू होने की जानकारी फैलते ही प्रदेश और खासकर अजमेर जिले के लोग फूले नहीं समां रहे। लोग जल संसाधन मंत्री रावत को दूरभाष पर आभार ज्ञापित कर रहे हैं। इस परियोजना से लाभांवित होने वाले सभी 13 जिलों में भव्य आतिशबाजियां करके जश्न मनाया जा रहा है। पीने और सिंचाई के पानी की समस्या से शीघ्र निजात मिलने की खुशी में किसानों और आमजन के चेहरे खिल उठे हैं।
ईआरसीपी का मूर्त रूप लेना सपना साकार होने जैसा : किरोड़ी
राजस्थान के कृषि मंत्री डा किरोड़ी लाल मीणा ने पू्र्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) पर समझौता होने पर खुशी जताते हुए कहा है कि इस परियोजना का मूर्त रूप लेना उनके लिए सपना साकार होने जैसा है।
डा मीणा ने ईआरसीपी पर केन्द्र, राजस्थान एवं मध्यप्रदेश सरकारों के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते के बाद अपनी प्रतिक्रिया में रविवार रात यह बात कही। उन्होंने कहा कि जब मैं सवाईमाधोपुर से सांसद था, तब से पूर्वी राजस्थान के लिए ऐसी जीवनदायिनी परियोजना लाने की मांग पुरजोर ढंग से उठाता रहा हूं, मुझे संतुष्टि है कि मेरे जीते जी ईआरसीपी आकार ले लेगी। उन्होंने राजस्थान के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि मोदी जी की एक और गारंटी पूरी।
ईआरसीपी परियोजना को लेकर समझौता एक ऐतिहासिक निर्णय : जोशी
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) में पानी के बंटवारे को लेकर राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकारों में समझौते के बाद इस योजना का मसौदा तय होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का आभार व्यक्त किया है।
इस अवसर पर जोशी ने कहा कि यह मोदी की गारंटी है जो कहा, करके दिखाया। मोदी के नेतृत्व में दोनों ही प्रदेशों में डबल इंजन सरकार का यह निर्णय आमजन के हित में लिया गया है। नदियों के पानी का पूर्ण सदुपयोग और बेहतर तरीके से काम लिया जा सके उसे दिशा में तेजी से काम हो रहा है। यह दोनो राज्यों के लिए एक स्वर्णिम योजना है।
ईआरसीपी में पानी के बंटवारे को लेकर दोनों राज्यों की सरकारों के मध्य समझौता होने से प्रदेश के 13 जिलों में पीने के पानी सहित कृषि, वन औद्योगिक और सिंचाई के क्षेत्र में बहुत लाभ होगा, जल्दी ही राज्य में 2.80 लाख हैक्टेयर में सिंचाई जल उपलब्ध हो सकेगा, बांधों में पानी आएगा और भूजल स्तर भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा की डबल इंजन की सरकार बनने के साथ ही जनहित में बडे बडे फैसले लिए जा रहें हैं।