जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में बंदरों के आतंक के मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।
देवनानी ने शाहपुरा विधायक मनीष यादव के शून्यकाल में स्थगन प्रस्ताव के तहत उठाये शाहपुरा में बंदरों के आतंक के कारण आम जनता को हो परेशानी मामले में हस्तक्षेप करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि बंदरों के आतंक का मुद्दा केवल शाहपुरा का ही नहीं है, ऐसा कई जगह है। अजमेर में भी है। इस पर गम्भीरता से कार्रवाई की जाए।
इससे पहले यादव ने प्रक्रिया नियम 50 के तहत स्थगन प्रस्ताव पर शाहपुरा में बंदरों के आतंक के कारण आम जनता को हो रही परेशानी एवं व्याप्त आक्रोश से उत्पन्न स्थिति के सम्बन्ध में यह मामला उठाते हुए कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में पिछले चार पांच वर्ष में बंदरों द्वारा काट खाने की लगातार घटनाएं सामने आ रही हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि जनता को बंदरों के आतंक से निजात दिलाई जानी चाहिए।
जब आसन पैरो पर हो तब कोई भी सदस्य न तो अंदर आएगा, न बाहर जाएगा
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि जब आसन पैरों पर हो तब कोई भी सदस्य न तो बाहर से अन्दर आएगा और न ही अंदर से बाहर जाएगा। देवनानी ने सदन में स्थगन प्रस्ताव के तहत सदस्यों को बोलने की अनुमति देने के लिए व्यवस्था देते हुए यह व्यवस्था दी।
अध्यक्ष जब स्थगन प्रस्ताव पर व्यवस्था दे रहे थे तब अंदर बैठे कई सदस्य उठकर बाहर जाने लगे और कुछ सदस्य बाहर से अंदर आने लगे। इस पर देवनानी ने कहा कि जब आसन पैरों पर हो तब कोई भी सदस्य न तो बाहर से अन्दर आएगा और न ही अंदर से बाहर जाएगा। इस दौरान अंदर आए कुछ सदस्यों को अध्यक्ष ने बाहर जाने के लिए भी कहा।