जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) पर हुए समझौते के लिए मंत्रिमंडल सदस्यों और विधायकों ने उनका स्वागत कर बधाई दी है।
शर्मा के नई दिल्ली में ईआरसीपी पर हुए समझौते के बाद सोमवार यहां विधानसभा पहुंचने पर इसके लिए उन्हें बधाई दी गई। इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने सभी सदस्यों और 13 जिलों की जनता की तरफ से उन्हें बुके भेंट किया।
मुख्यमंत्री ने सदस्यों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश का चहुंमुखी विकास होगा। राज्य सरकार हर क्षेत्र और हर वर्ग के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। इस दौरान विधानसभा सदस्यों ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के लोगों के लिए यह परियोजना वरदान साबित होगी। सिंचाई और पेयजल के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
सदस्यों ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक के लोगों में खुशी की लहर है।
इससे पहले शर्मा के इस इस ऐतिहासिक निर्णय के बाद सोमवार को जब नई दिल्ली से जयपुर हवाई अड्डे पहुंचे तब वहां विभिन्न जिलों से आए लोगों ने उनका आभार जताते हुए उन्हें बधाई दी। इस मौके लोगों ने कहा कि ईआरसीपी को लेकर उनकी वर्षाें पुरानी आस अब पूरी हुई है। इससे राज्य के 13 जिलों में 2.80 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई जल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे 25 लाख से अधिक किसान परिवार लाभान्वित होंगे। साथ ही, औद्योगिक आवश्यकताओं के लिए भी पानी मिल सकेगा।
उल्लेखनीय है कि ईआरसीपी के तहत पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक के लोगों को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही, भूजल के स्तर में भी वृद्धि होगी।
एमओयू के अनुसार पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना में सम्मिलित रामगढ़ बैराज, महलपुर बैराज, नवनैरा बैराज, मेज बैराज, राठौड़ बैराज, डूंगरी बांध, रामगढ़ बैराज से डूंगरी बांध तक फीडर तंत्र, ईसरदा बांध का क्षमतावर्धन एवं पूर्वनिर्मित 26 बांधों का पुनरूद्धार किया जाएगा।
अजमेर समेत प्रदेश के 13 जिलों को मिलेगा ईआरपीसी योजना का लाभ