ब्यावर। राजस्थान के ब्यावर में श्री सीमेंट परिसर में स्थित श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर में चार दिवसीय वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया।
एक से चार फरवरी तक आयोजित वार्षिकोत्सव के तहत धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इसमें अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के तहत शनिवार को मंदिर में मंगला आरती, श्रंगार आरती, हनुमानजी का अभिषेक, पूजन, हवन एवं पूर्णाहुति (गर्भगृह) आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। साथ ही मंदिर परिसर से भव्य शोभायात्रा निकाली गई। रविवार को भी हनुमान कृपा महोत्सव के आखिरी दिन विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर श्री सीमेंट के एमेरिटस चेयरमैन बीजी बांगड़ ने कहा कि संकट मोचन हनुमान की कृपा हमारे ऊपर शुरु से ही रही है। जबसे हमने प्रांगण में हनुमानजी प्रतिमा स्थापित की है उसके बाद निरंतर प्रगति कर रहे हैं। श्री सीमेंट के चेयरमैन एचएम बांगड़ ने श्री हनुमान जी की कृपा पर विस्तार से चर्चा की।
कंपनी के वाइस चेयरमैन प्रशांत बांगड़ ने महोत्सव के आयोजन और उद्देश्यों के बारे में बताया। कंपनी के प्रबंध निदेशक नीरज अखौरी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर श्री सीमेंट के संस्थापक परिवार के सभी सदस्यों के अलावा कंपनी के कर्मचारी एवं गणमान्य लोग थे।
स्थानीय श्रद्धालुओं का मानना है कि सन 2000 में जब से श्री संकटमोचन हनुमान की स्थापना हुई है तब से इस संस्थान के साथ ही ब्यावर ने भी उन्नति के नए आयाम स्थापित किए हैं।
भक्त शिरोमणि श्याम वर्ण हनुमान के इस मंदिर के प्रांगण में कदम रखते ही श्रद्धालुओं को अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की याद आ जाती है। काले पाषाण से बनी इस मूर्ति को देखने के साथ ही भक्तों की आंखों के सामने रामलाल की प्रतिमा उभर आती है। पिछले चौबीस सालों से यह मंदिर स्थानीय लोगों की आस्था एवं विश्वास का केंद्र है।
उल्लेखनीय है कि गत 22 जनवरी को अयोध्या में श्याम वर्ण प्रभु श्रीराम जी की जहां प्राण प्रतिष्ठा हुई है। राजस्थान में श्याम वर्ण हनुमान जी का मंदिर जयपुर के जलमहल के सामने गुर्जर घाटी के पास परशुरामद्वारे में जयपुर की स्थापना के समय से है। उसके बाद जयपुर के ही चांदी की टकसाल पर श्याम वर्ण हनुमान जी का मंदिर है। ब्यावर स्थित श्री सीमेंट परिसर में भी श्याम वर्ण हनुमान जी का यह मंदिर अलौकिक है। ऐसा कहा जाता है कि ईश्वर की श्याम वर्ण की प्रतिमाएं संकट को हरने वाली होती हैं।