जयपुर। ताजेवाला हैड वर्क्स से शेखावाटी क्षेत्र में यमुना का पानी लाने के लिए ऐतिहासिक एमओयू होने के दो दिन बाद मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा सोमवार सुबह जयपुर पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया।
जयपुर हवाई अड्डे पर सीकर, चूरू एवं झुन्झुनूं जिलों से बड़ी संख्या में आए जनप्रतिनिधियों, किसानों, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों तथा आमजन ने त्रिपक्षीय एमओयू करने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
आभार प्रकट करने आए लोगों ने कहा कि शेखावाटी क्षेत्र के इन जिलों तक यमुना का पानी लाने की मांग करीब तीन दशक पुरानी थी। वर्ष 1994 में हुए यमुना जल समझौते के बाद भी राजस्थान यमुना जल से वंचित था।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सरकार बनते ही केन्द्र सरकार और हरियाणा सरकार के साथ चर्चा एवं पत्र व्यवहार कर इस मुद्दे के समाधान के लिए पहल की। उनके प्रयासों से सरकार के कार्यकाल के पहले दो माह में ही ताजेवाला हैड वर्क्स से पाइपलाइन बिछाकर पानी लाने के लिए एमओयू हुआ है।
ताजेवाला हैड वर्क्स का ऐतिहासिक एमओयू करने के बाद श्री शर्मा के सोमवार सुबह दिल्ली से रवाना होने की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में लोगों का हुजूम जयपुर हवाई अड्डे के बाहर जमा होने लगा। मुख्यमंत्री को हवाई अड्डे से बाहर आता देख लोग उत्साहित होकर उनके स्वागत में नारे लगाने लगे।
उन्होंने शर्मा का साफा और माला पहनाकर तथा पुष्पगुच्छ भेंट कर भव्य स्वागत किया। महिलाओं ने भी लोकगीत गाकर मुख्यमंत्री का अभिवादन किया। लोगों ने अपने हाथों में राजस्थान के भागीरथ भजनलाल शर्मा लिखी तख्तियां ले रखी थीं।
इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा, सांसद सुमेधानंद सरस्वती, राहुल कस्वां एवं नरेन्द्र कुमार, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया, पूर्व सांसद संतोष अहलावत, कई विधायक के अलावा यमुना जल हमारा हक आंदोलन समिति (शेखावाटी) तथा शेखावाटी परिवार समिति जयपुर के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में किसान एवं आमजन मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शर्मा, केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में गत 17 फरवरी को नई दिल्ली में एक त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे।
केन्द्र सरकार, हरियाणा सरकार और राजस्थान सरकार के बीच हुए इस एमओयू के तहत ताजेवाला हैड से प्रवाह प्रणाली के क्रम में डीपीआर बनाने पर सहमति बनी। इस योजना के मूर्त रूप लेने के बाद राजस्थान को ताजेवाला हैड-वर्क्स से यमुना नदी का पानी मिल सकेगा और बारिश में व्यर्थ बह जाने वाले जल का भी समुचित उपयोग हो सकेगा।