भरतपुर। अखिल भारतीय स्तर पर भारतीय डाक विभाग के राजस्थान परिमंडल में पिछले दिनों हुई ग्रामीण डाक सेवक की भर्ती में 10वीं की फर्जी अंक तालिका के आधार पर 14 युवकों के चयनित हो जाने के एक मामले का यहां खुलासा हुआ है।
भरतपुर के बयाना में सहायक डाक अधीक्षक मुकेश मीना ने पुलिस अधीक्षक के जरिये बयाना थाने में इन सभी अभ्यर्थियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। दर्ज कराए गए मामले में बताया गया है कि अखिल भारतीय स्तर पर अभ्यर्थियों द्वारा भरे गए ऑनलाइन फॉर्म के बाद 10वीं कक्षा में प्राप्तांक प्रतिशत के आधार पर मेरिट बनाकर अभ्यर्थियों को चयनित किया गया था। चयन के बाद जॉइनिंग से पहले अभ्यर्थियों के शैक्षणिक दस्तावेजों का संबंधित शिक्षा बोर्ड से सत्यापन कराया गया। सत्यापन के दौरान मेरिट में आए 14 अभ्यर्थियों की दसवीं की अंक तालिका फर्जी पाई गई।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि धौलपुर के जागीरपुरा निवासी योगेश कुमार, राजाखेड़ा थाना इलाके के चैधरीपुरा अनंतपुर निवासी रामभरत, बाड़ी थाना इलाके के बुधकापुरा निवासी रणजीत सिंह, पथरोला निवासी सतवीर जाटव, पिदावली निवासी रामकिशन, सैंपऊ थाना इलाके के गांव मढ़ा निवासी विजय सिंह, बाड़ी के गजपुरा निवासी जोगेंद्र सिंह, गड़रपुरा निवासी दीपक कुमार, रामनगर कॉलोनी निवासी सुनैना परमार, मुरलीपुरा निवासी धीरजसिंह, जोधपुर के भोपालगढ़ निवासी हिमांशु गुर्जर, सवाई माधोपुर जिले के वजीरपुर थाने के उदेई खुर्द निवासी शिवराम मीना, उत्तर प्रदेश के आगरा की निवासी आरती सिंह तथा फिरोजाबाद के आलमपुर निवासी जितेंद्र सिंह के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों से सरकारी नौकरी लेकर धोखाधड़ी करने के दर्ज मामले में सब इंस्पेक्टर रमेश चंद्र को जाँच सौंपी गई है।