नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिपरिषद ने विकसित भारत 2047 के दृष्टिपत्र और अगले पांच वर्षों की विस्तृत कार्ययोजना पर विचार-विमर्श किया। प्रधानमंत्री निवास पर आयोजित इस बैठक में लोकसभा चुनाव के बाद गठित होने वाली नई सरकार के सौ दिन के एजेंडे पर भी विचार विमर्श हुआ।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि मंत्रिपरिषद की बैठक में मई में नई सरकार के गठन के बाद त्वरित कार्यान्वयन के लिए तत्काल कदमों के लिए सौ दिवसीय एजेंडे पर भी काम शुरू करने की योजना बनाई गई।
सूत्रों के अनुसार सरकार ने विकसित भारत का रोडमैप दो साल से अधिक की गहन तैयारी करके बनाया है। इसमें सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों, शिक्षाविदों, उद्योग निकायों, नागरिक समाज, वैज्ञानिक संगठनों के साथ व्यापक परामर्श और युवाओं को उनके विचार, सुझाव और इनपुट प्राप्त करने के लिए संगठित करने के लिए एक संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण शामिल था।
सूत्रों ने कहा कि रोडमैप बनाने के लिए विभिन्न स्तरों पर 2700 से अधिक बैठकें, कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित किए गए। बीस लाख से अधिक युवाओं के सुझाव प्राप्त हुए। बैठक में प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि विकसित भारत का रोडमैप सर्वसमावेशी और सर्वव्यापी है।
सूत्रों के अनुसार विकसित भारत के रोडमैप में स्पष्ट रूप से व्यक्त राष्ट्रीय दृष्टि, आकांक्षाएं, लक्ष्य और कार्य बिंदुओं के साथ एक व्यापक खाका है। इसके लक्ष्यों में आर्थिक विकास, एसडीजी, जीवनयापन में आसानी, व्यापार करने में आसानी, बुनियादी ढांचा, सामाजिक कल्याण आदि जैसे क्षेत्र शामिल हैं।