जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश की डबल इंजन सरकार को किसानों की आमदनी बढ़ाकर उन्हें खुशहाल और समृद्ध करने के लिए प्रतिबद्ध बताते हुए कहा है कि हमारी सरकार ने आते ही सबसे अधिक फैसले किसान हित में लिए हैं और उन्हें खुशहाल और समृद्ध बनाना उसकी प्राथमिकता है।
शर्मा बुधवार को जयपुर के दुर्गापुरा स्थित राज्य कृषि प्रबंध संस्थान में आयोजित पीएम कुसुम सौर पम्प संयंत्र स्वीकृति-पत्र वितरण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। समारोह में मुख्यमंत्री और कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने किसानों को स्वीकृति-पत्र प्रदान किए।
इसके अलावा विभिन्न जिलों में पंचायत समिति केन्द्रों पर कृषक वीसी के माध्यम से जुड़े और सोलर पम्प के लिए प्रदेश के लगभग 50 हजार किसानों को स्वीकृतियां जारी की गई है, इस पर लगभग 1830 करोड़ रूपए का व्यय होगा, जिसमें से 908 करोड़ रूपए अनुदान के रूप में कृषकों को प्रदान कर लाभान्वित किया जाएगा। इन सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना से लगभग 200 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे किसानों की कड़ी मेहनत के कारण ही आज राजस्थान ईसबगोल एवं जीरा उत्पादन में देश भर में प्रथम, मैथी, लहसुन एवं सौंफ के उत्पादन में दूसरे तथा अजवाईन एवं धनिया के उत्पादन में तीसरे स्थान पर है।
किसानों की उपज बढ़ाने के लिए राज्य बजट में 12 लाख किसानों को मक्का, 8 लाख किसानों को बाजरा, 7 लाख किसानों को सरसों, 4 लाख किसानों को मूंग एवं 1-1 लाख किसानों को ज्वार एवं मोठ के बीज मिनिकिट निःशुल्क उपलब्ध कराने की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि उन्नत कृषि यंत्र किसानों को किराये पर उपलब्ध कराने के लिए 500 कस्टम हायरिंग केंद्रों की भी स्थापना की जाएगी।
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने तीन माह के अल्प कार्यकाल में पानी की समस्या को दूर करने के लिए प्राथमिकता से कार्य किया है। पूर्वी राजस्थान के लिए ईआरसीपी एकीकृत परियोजना तथा शेखावाटी क्षेत्र के लिए ताजेवाला हैडवर्क्स के ऐतिहासिक एमओयू के माध्यम से इन क्षेत्रों में पेयजल एवं सिंचाई हेतु पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही, उदयपुर में देवास बांध परियोजना तृतीय एवं चतुर्थ के माध्यम से दक्षिण राजस्थान में भी जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी नहर के 15 किलोमीटर लम्बे कच्चे हिस्से को भी पक्का करवाने की मंजूरी दे दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को समय पर और पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो इसके लिए हमने किसानों को 100 दिन की कार्ययोजना में 20 हजार से अधिक कृषि कनेक्शन जारी किए हैं। हाल में तीन हजार 325 मेगावाट क्षमता की थर्मल आधारित और 28 हजार 500 मेगावाट क्षमता की अक्षय ऊर्जा आधारित विद्युत परियोजनाओं के लिए एक लाख 60 हजार करोड़ रूपए के एमओयू किए हैं। इन परियोजनाओं की स्थापना के बाद प्रदेश ऊर्जा क्षेत्र में सरप्लस स्टेट बनेगा। हम भविष्य में बिजली खरीदने की बजाय बेचेंगे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के कारण राज्य की समस्त बिजली कम्पनियों पर ऋण भार बढ़कर डेढ़ गुणा हो गया था।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद गरीबी हटाओ के नारे बहुत लगे मगर धरातल पर कार्य नहीं हुआ। मगर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की चिंता की। वाजपेयी ने नदी जोड़ो परियोजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की।
शर्मा ने कहा कि देश के मोदी ने भी किसानों को संबल प्रदान करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए पीएम सूर्य घरः मुफ्त बिजली योजना शुरू करने की घोषणा की है जिसमें एक करोड़ घरों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सौर पंप सैट लगाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य हो रहा है। अब तक 1 लाख 5 हजार से अधिक सोलर पंप सेट लगाए जा चुके हैं। राज्य सरकार पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत प्रदेश में सभी मौजूदा ट्यूबवेलों का 100 प्रतिशत सौर ऊर्जा द्वारा संचालन सुनिश्चित करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान कठिन हालात में संघर्ष कर अपने बच्चों को पढ़ने के लिए शहर भेजता है ताकि वह सरकारी सेवा में आकर जीवन में आगे बढ़ सके। मगर जब पेपर लीक होता है तो किसानों के सपने चकनाचूर हो जाते हैं। हमने सरकार बनते ही पेपर लीक के दोषियों पर सख्त कार्रवाई की और एसआईटी का गठन किया। आज गुनहगारों को गिरफ्तारियां हो रही हैं। हमारा वादा है कि पेपरलीक का एक भी दोषी सजा से बच नहीं पाएगा।
इस अवसर पर कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री किरोड़ी लाल ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से पीएम कुसुम योजना के बी-कम्पोनेंट की शुरूआत प्रदेश में की गई है। जल्द ही राज्य सरकार ‘कृषि विभाग आपके द्वार’ अभियान शुरू करेगी जिसमें किसानों के घर-घर जाकर उन्हें विभागीय योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।
योजना में केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा किसानों को खेतों में सोलर पम्प लगाने पर 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है जिसमें से 30 प्रतिशत अंशदान केन्द्र एवं 30 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए राज्य मद से 45 हजार रूपये का प्रति कृषक अतिरिक्त अनुदान भी दिया जा रहा है। जनजातीय क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के किसानों को तीन एचपी एवं पांच एचपी क्षमता के सौर संयंत्र लगाने पर 100 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।
कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, सांसद रामचरण बोहरा, ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया एवं प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए किसान तथा बड़ी संख्या में आमजन मौजूद थे।