नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति कथित घोटाले से संबंधित धनशोधन के एक मामले में आरोपी राज्यसभा सांसद व आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को उच्चतम न्यायालय के आदेश पर एक विशेष अदालत के बुधवार को कई शर्तों के साथ जेल से रिहा करने का आदेश दिया। इसके बाद उन्हें करीब छह माह बाद तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया।
शीर्ष अदालत ने मंगलवार को सिंह को जमानत देते हुए कहा थाकि ट्रायल कोर्ट द्वारा निर्धारित नियमों और शर्तों पर मुकदमे के लंबित रहने के दौरान जमानत पर रिहा किया जाए। इस आदेश के मद्देनजर राऊज एवेन्यू स्थित कावेरी बावेजा की विशेष अदालत ने (बुधवार को) दो लाख रुपये का मुचलके की शर्त के अलावा सिंह को अपना पासपोर्ट अदालत में जमा करने, देश छोड़कर बाहर नहीं जाने और इस मुकदमे में अपनी भूमिका को लेकर कोई बात नहीं करने का निर्देश दिया। इसके अलावा अदालत ने उन्हें दिल्ली के बाहर जाने की स्थिति में अपना कार्यक्रम इस मुकदमे के जांच अधिकारी से साझा करने की शर्त लगाई।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी वराले की (शीर्ष अदालत की) पीठ ने दो अप्रैल को आम आदमी पार्टी नेता सिंह की जमानत अर्जी मंजूर की थी। दूसरी बार दिल्ली से राज्यसभा के सांसद बने सिंह ने दिल्ली उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिलने पर (उच्च न्यायालय के उस आदेश को) शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।
न्यायमूर्ति खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा था कि हम संजय सिंह को जमानत दे रहे हैं। मुकदमे के लंबित रहने के दौरान उन्हें रिहा किया जाएगा। वह अपनी राजनीतिक गतिविधियां जारी रख सकते हैं। अदालत ने हालांकि, आरोपी सिंह को सावधान करते हुए कहा था कि वह अपनी भूमिका या दिल्ली शराब नीति कथित घोटाले से जुड़ी किसी भी चीज़ के बारे में कोई टिप्पणी न करें।
शीर्ष अदालत के समक्ष प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का पक्ष रखते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल वी एस राजू ने अपना (केंद्रीय जांच एजेंसी का) रुख नरम करते हुए कहा कि आप नेता सिंह को जमानत दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।
पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि बयान (ईडी के) के मद्देनजर हम वर्तमान अपील (जमानत मामला) को स्वीकार करते हैं और निर्देश देते हैं कि संजय सिंह को ट्रायल कोर्ट द्वारा निर्धारित नियमों और शर्तों पर मुकदमे के लंबित रहने के दौरान जमानत पर रिहा किया जाए। पीठ ने आप नेता की अपील स्वीकार करते हुए यह भी कहा कि छह महीने से वह (संजय सिंह) हिरासत में है, लेकिन कुछ भी बरामद नहीं हुआ है। कोई पैसा बरामद नहीं हुआ है। पैसों का नामोनिशान नहीं है।
इसके बाद अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजू ने पैसे के निशान न होने की बात की व्याख्या करने की कोशिश की। पीठ ने हालांकि, स्पष्ट किया कि अदालत इस स्तर पर उस प्रश्न पर विचार नहीं कर रही है, लेकिन मामले का तथ्य यह है कि पैसा बरामद नहीं किया गया है। सुनवाई के दौरान ईडी ने यह भी दावा किया था कि आरोपी सिंह के सहयोगियों, विवेक त्यागी, अजीत त्यागी और सर्वेश मिश्रा के मुख्य आरोपी दिनेश अरोड़ा के साथ (इस मामले में) घनिष्ठ संबंध थे।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया गया है कि सिंह को कथित तौर पर दो मौकों पर (कथित शराब घोटाले में) दो करोड़ रुपए गलत तरीके से प्राप्त हुए थे। शीर्ष अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 20 अक्टूबर 2023 के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका पर 21 नवंबर 2023 को ईडी को नोटिस जारी किया।
उच्च न्यायालय ने आप सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी के इस मामले में यह कहते हुए हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था कि इसके लिए (जमानत के लिए) कोई आधार नहीं है।दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा था कि यह अदालत इस स्तर पर (रिकॉर्ड पर) किसी भी जरूरी दस्तावेज के अभाव में जांच एजेंसी पर कोई राजनीतिक मकसद का आरोप नहीं मानेगी और इसे प्रथम दृष्टया कोई सबूत नहीं होने का मामला नहीं मानती है।
सिंह को ईडी ने पिछले साल चार अक्टूबर को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। वह 13 अक्टूबर 2023 से न्यायिक हिरासत में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद रहे। निचली अदालत ने 22 दिसंबर 2023 को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इस बाद उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
आप नेता सिंह पर आरोप है कि उन्होंने उत्पाद शुल्क नीति (शराब नीति) 2021-2022 (जो बाद में रद्द कर दी गई थी।) तैयार करने और लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ईडी ने आरोप लगाया था कि इस नीति का उद्देश्य कथित तौर पर कुछ शराब निर्माताओं, थोक शराब विक्रेताओं आदि को करोड़ों रुपए गैर कानूनी तरीके से लाभ पहुंचाना था।
दूसरी ओर, सिंह का आरोप है कि उनके खिलाफ ईडी की यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। उन पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। उनमें कोई सच्चाई नहीं है। ईडी ने सिंह से पहले आप नेता पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को इसी मामले में गिरफ्तार किया था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने 21 मार्च 2024 को दिल्ली के मुख्यमंत्री व आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल और उनसे पहले 15 मार्च को भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता को गिरफ्तार किया था। दोनों न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं।
केंंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 17 अगस्त 2022 को वर्ष 2021-22 की उत्पाद शुल्क नीति (शराब नीति) बनाने और उसके कार्यान्वयन में की गई कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज किया था। इसी आधार पर ईडी ने 22 अगस्त 2022 को मामला दर्ज किया था। ईडी का दावा है कि आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया सहित अन्य ने अवैध कमाई के लिए ‘साजिश’ रची थी।