जयपुर। राजस्थान में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने हरिबक्श कांवटिया अस्पताल प्रसव प्रकरण में सीनियर रेजीडेंट डॉ. सुषमा का निलंबन निरस्त कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार साथ ही ड्यूटी रोस्टर में गफलत के कारण डॉ. सुषमा के निलंबन को लेकर उत्पन्न हुई स्थिति तथा पूरे प्रकरण की पुनः जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि हरिबक्श कांवटिया अस्पताल में एक महिला का गत तीन अप्रेल को अस्पताल परिसर में प्रसव हो गया था। इस प्रकरण की जांच में प्रथम दृष्टया सीनियर रेजीडेंट डॉ. सुषमा को भी दोषी मानते हुए निलंबित किया गया था। बाद में डॉ. सुषमा ने अभ्यावेदन प्रस्तुत कर बताया कि ड्यूटी रोस्टर के अनुसार उनकी फ्लोर ड्यूटी सुबह 8 बजे से दोपहर दो बजे तक थी और यह प्रकरण तीऊ अप्रेल को शाम करीब 6.30 बजे घटित हुआ। उस समय डॉ. सुषमा ऑन कॉल ड्यूटी पर थी और जूनियर डॉक्टर द्वारा सूचित करने पर अस्पताल पहुंच गई थी।
प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक मेडिकल कॉलेज जयपुर की रिपोर्ट में डॉ. सुषमा को प्रकरण घटित होने के समय फ्लोर ड्यूटी पर अनुपस्थित होना बताया गया। डॉ. सुषमा के अभ्यावेदन पर पुनः जांच में पाया गया कि वह घटना के समय ऑनकॉल ड्यूटी पर थी और सूचना मिलने पर अस्पताल में उपस्थित भी हो गई थी।
प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक मेडिकल कॉलेज जयपुर की पुनः जांच के बाद प्रेषित रिपोर्ट में इस स्थिति से अवगत कराया गया। इसके बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने डॉ. सुषमा का निलंबन वापस लेने के आदेश जारी कर दिए हैं। साथ ही ड्यूटी रोस्टर को लेकर पैदा हुई असमंजस की स्थिति तथा पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए नई कमेटी का गठन किया है।
अतिरिक्त मिशन निदेशक, एनएचएम, अरूण गर्ग की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में उप निदेशक चिकित्सा शिक्षा खेमाराम यादव, महिला चिकित्सालय जयपुर की वरिष्ठ आचार्य डॉ. आशा वर्मा एवं डॉ. ज्योत्सना व्यास तथा जनाना अस्पताल की आचार्य डॉ. अदिति बंसल सदस्य होंगे। यह कमेटी सात दिन में प्रकरण में जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।