जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित 14 राष्ट्रीय नेता एवं प्रदेश के 50 से अधिक नेताओं ने पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार किया।
भाजपा के लोकसभा चुनाव प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने बुधवार को यहां भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी। डा सहस्त्रबुद्धे ने बताया कि चुनाव प्रचार के गत 40 दिनों में मोदी, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित केंद्र के 14 वरिष्ठ नेता प्रदेश में पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में विभिन्न सभाओं और अन्य आयोजनों में भाग लिया।
उन्होंने बताया कि इस दौरान केंद्रीय नेताओं की 37 सभाएं हुई और 10 रोड-शो आयोजित किए गए जबकि तीन पत्रकार वार्ता और 14 अन्य सम्मेलन आयोजित हुए वहीं इस दौरान प्रदेश स्तर के नेताओं में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी एवं प्रेम चंद बैरवा, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डा सतीश पूनियां, कैबिनेट मंत्री और अन्य मंत्रियों सहित 51 वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली।
उन्होंने बताया कि प्रचार के दौरान प्रदेश स्तरीय नेताओं की 144 सभाएं हुई जबकि 34 रोड- शो आयोजित किए गए और 73 अन्य सम्मेलन आयोजित हुए। यह काम केवल केंद्रीय या प्रदेश स्तरीय नेताओं तक सीमित नहीं था, हमारा हर कार्यकर्ता अपने-अपने बूथ पर पार्टी का प्रवक्ता बनकर काम कर रहा था और पार्टी के काम का हिसाब-किताब भी देता था।
कार्यकर्ताओं ने मतदाताओं से मिलकर जनादेश के लिए प्रार्थना भी की है। उन्होंने कहा कि इस आधार पर हम कह सकते हैं कि हमने राजस्थान के सभी 25 लोकसभा क्षेत्रों को कवर करने की पूरी कोशिश की है।
उन्होंने कहा कि मोदी सहित हमारे राष्ट्रीय, प्रदेश, जिला, मंडल और बूथ स्तर के सभी कार्यकर्ता बहुत मेहनत करते है। भाजपा के कार्यकर्ता परिश्रम व प्रतिभा से लोकशिक्षण का प्रयास करते हैं, इसलिए हम कहते हैं कि हमारे कामों के आधार पर मतदाता को अपना निर्णय करना चाहिए। हम प्रबोधन और लोक शिक्षण को बहुत प्रधानता देते हैं।
उल्लेखनीय है कि गत 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में 12 लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुका है और 26 अप्रैल को शेष 13 सीटों पर मतदान होगा। दूसरे चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार बुधवार शाम छह बजे थम गया।
कांग्रेस सोशलिज्म और सेकुलरिज्म से आगे नहीं बढ़ पाई : विनय सहस्त्रबुद्धे