बेंगलूरु। जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बेंगलूरु शहर की एक विशेष अदालत ने उनके खिलाफ तीन यौन उत्पीड़न मामलों के पहले मामले में उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।
अदालत में सोमवार को सुनवाई के बाद अब प्रज्वल को 24 जून तक एसआईटी की कड़ी पूछताछ का सामना करना होगा। अदालत ने आरोपों की गंभीरता और एसआईटी द्वारा पेश किए गए सबूतों को ध्यान में रखते हुए उन्हें 24 जून तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला किया।
कर्नाटक सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने प्रज्वल को आज विशेष अदालत के समक्ष पेश किया। विशेष रूप से, एसआईटी ने प्रारंभिक मामले में आगे की हिरासत की मांग नहीं की है।
यौन उत्पीडन के आरोपी प्रज्वल के लिए कानूनी कार्यवाही अभी खत्म होते हुई नहीं दिखाई दे रही है। एसआईटी उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के दूसरे मामले में हिरासत की मांग कर सकती है। इस बीच, प्रज्वल ने शेष दो मामलों में अग्रिम जमानत की मांग की है, जिन पर विशेष अदालत विचार कर रही है।
प्रज्वल पर कानूनी कार्रवाई 31 मई को जर्मनी से वापस लौटने के साथ शुरू हुई जब एसआईटी ने उन्हें छह दिनों के लिए गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसकी पुलिस रिमांड 10 जून तक बढ़ा दी गई थी।
एक संबंधित घटनाक्रम में प्रज्वल की मां भवानी रेवन्ना, उनके बेटे द्वारा कथित रूप से यौन उत्पीड़न मामले में महिला का अपहरण करने की आरोपी हैं। पिछले शुक्रवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय से भवानी को जमानत मिल गई थी। भवानी ने जांचकर्ताओं के साथ सहयोग किया और मामले के संबंध में पूछताछ के लिए उपस्थित हुई।
रेवन्ना परिवार में कानूनी परेशानियों बढ़ती जा रही हैं। दुष्कर्म पीड़िता अपहरण मामले में प्रज्वल के पिता और जेडीएस विधायक रेवन्ना की जमानत के खिलाफ एसआईटी की कार्रवाई 14 जून तक के लिए स्थगित की गई है। इसके अतिरिक्त, रेवन्ना के खिलाफ मामले को अमान्य करने वाली याचिका पर 21 जून को सुनवाई होनी है।