मुंबई। मीडिया जगत की पूर्व दिग्गज इंद्राणी मुखर्जी की पुत्री शीना बोरा के बरामद किए गए अवशेष कथित तौर पर गायब हो गए हैं। गौरतलब है कि शीना बोरा की 14 साल पहले हत्या कर दी गई थी। शीना बोरा के अवशेष गायब होने के बारे में मुंबई की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अदालत को जानकारी दी गई है।
अभियोजन पक्ष ने गवाह डॉ. ज़ेबा खान (सर जेजे अस्पताल में एक फोरेंसिक विशेषज्ञ हैं) से पूछताछ के दौरान अदालत को यह जानकारी दी। डॉ. जेबा इस बात की पुष्टि करने वाली पहली व्यक्ति थीं कि हड्डियाँ और अन्य अवशेष किसी इंसान के थे। हड्डियां रायगढ़ में पेन पुलिस द्वारा उस स्थान से बरामद की गई थीं, जहां शीना के शव को कथित तौर पर जला दिया गया था और गगोडे-खुर्द गांव के पास घने जंगलों में फेंक दिया गया था।
शीना बोरा की हत्या उसकी मां इंद्राणी मुखर्जी, उसके पूर्व पति संजीव खन्ना और ड्राइवर श्यामवर राय ने 24 अप्रैल 2012 में गला घोंटकर की थी, लेकिन चौंकाने वाली इस हत्याकांड का खुलासा अगस्त 2015 के आसपास ही सामने आई थी। गत सात मई को अदालती सुनवाई के सीबीआई के सरकारी अभियोजक सीजे नांदोडे ने डॉ खान को पहचान के लिए बरामद हड्डियों को दिखाने की मांग की, लेकिन सघन तलाशी के बाद भी वे नहीं मिल सकीं। गुरुवार को यहां अगली सुनवाई में सीबीआई ने स्वीकार किया कि सबूत (हड्डियों) वाले दो चिह्नित पैकेटों का पता नहीं लगाया जा सका है और गवाह (डॉ खान) से पूछताछ उसे दिखाए बिना जारी रहेगी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार शीना की मां एवं पूर्व मीडिया दिग्गज इंद्राणी मुखर्जी ने अपने पूर्व पति संजीव खन्ना और अपने ड्राइवर श्यामवर राय के साथ मिलकर 24 अप्रैल 2012 की रात को कार में उसका गला घोंट दिया था। बाद में उस रात, उन्होंने उसके शव को एक सूटकेस में छिपाकर गगोडे-खुर्द की ओर चले गए।
वहां बैग को जला दिया और अगली सुबह जल्दी घर लौटने से पहले उसे जंगल में फेंक दिया। एक महीने बाद, स्थानीय पुलिस को जली हुई हड्डियां और अवशेष मिले, लेकिन सनसनीखेज हत्या का मामला अगस्त 2015 में राय, इंद्राणी और बाद में खन्ना की गिरफ्तारी के बाद ही सामने आया।