शिक्षकों की सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन और पर्यावरण में अहम भूमिका : सुनील भाई मेहता

अयोध्या। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (ABRSM) की आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय अयोध्या में चल रही तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के दूसरे दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक शिक्षण प्रमुख सुनील भाई मेहता ने कहा कि सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन और पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर शिक्षक अहम भूमिका निभा सकते हैं।

बैठक में शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे वे समाज में रोल मॉडल के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षा के माध्यम से वे समाज में एकता और समरसता का संदेश फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। शिक्षक न केवल विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, बल्कि उन्हें सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों की भी समझ दे रहे हैं।

शिक्षकों ने यह भी साझा किया कि आम जनता उनके मार्ग का अनुसरण कर रही है। वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं और शिक्षकों के दिखाए मार्ग पर चल रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि शिक्षक समाज के निर्माण में एक मजबूत स्तंभ के रूप में काम कर रहे हैं।

सुनील भाई मेहता ने कहा कि शिक्षक कुटुंब प्रबोधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वे परिवारों को एकजुट रखने, बच्चों में अच्छे संस्कार भरने और पारिवारिक मूल्यों को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने यह भी जोर दिया कि शिक्षक पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी अहम योगदान दे सकते हैं। वे विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक कर सकते हैं और उन्हें पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

देशभर से आए कार्यकारिणी सदस्यों और प्रतिनिधियों ने चर्चा में भाग लिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षक समाज के निर्माण में एक मजबूत स्तंभ के रूप में काम कर सकते हैं और शिक्षा के माध्यम से समाज को सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं।

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ संगठन मंत्री महेंद्र कपूर ने सभा को संबोधित करते हुए संगठन के कार्यों और उपलब्धियों को उजागर किया। उन्होंने बताया कि कैसे शिक्षक देशभर में शिक्षा प्रणाली और समाज की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अखिल भारतीय महामंत्री शिवानंद सिंधनकेरा ने किया।