जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि भारत के संविधान और लोकतंत्र में निष्ठा रखने वाले लोग 25 जून 1975 का दिन कभी नहीं भूल सकते। आज जो लोग लोकतंत्र एवं संविधान बचाने का ढोंग कर रहे हैं, उनके द्वारा इस दिन देश में लागू किया गया आपातकाल लोकतंत्र पर काले धब्बे के समान है।
शर्मा मंगलवार को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में संविधान संरक्षण मंच द्वारा आयोजित ‘संविधान, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय में प्रतिबद्धता’ विषयक संगोष्ठी में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार संविधान को सर्वोपरि मानती है। उन्होंने देश के संविधान की रक्षा का अपना वचन बार-बार दोहराया है और प्रदेश में भी संविधान की रक्षा का दायित्व हम पूरी निष्ठा के साथ निभा रहे हैं।
शर्मा ने कहा कि मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकारों ने बाबा साहेब के आदर्शों को मानते हुए उनसे जुड़े तीर्थों का विकास किया। वर्ष 2005 में मध्यप्रदेश में बाबा साहेब की जन्म भूमि तीर्थ के तौर पर महू में भव्य स्मारक बनाया गया। लंदन के जिस भवन में रहकर बाबा साहेब ने उच्च अध्ययन किया, उस भवन को शिक्षा भूमि तीर्थ रूपी स्मारक बना कर 2015 में राष्ट्र को समर्पित किया गया।
दिल्ली में जिस भूमि पर बाबा साहेब ने अंतिम सांस ली, उस भूमि को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 2003 में अधिग्रहीत किया और मोदी ने यहां महापरिनिर्वाण भूमि तीर्थ स्मारक बना कर भव्य रूप दिया। मुम्बई के दादर में जहां बाबा साहेब का अंतिम संस्कार हुआ उस भूमि का तीर्थ स्मारक बनाने के लिए अधिग्रहण किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने अल्प समय में ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि एक हजार से बढ़ाकर 1150 रुपए करने, किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ा कर 8 हजार रुपए करने, 73 लाख परिवारों की महिलाओं को 450 रुपए में गैस सिलेंडर देने जैसे कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने प्रबुद्ध वर्ग से आह्वान किया कि वंचित तबके को केन्द्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में अवगत कराएं ताकि वे भी समाज की मुख्य धारा में जुड़ सकें।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत, राज्य विधानसभा में सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।