अहमदाबाद। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रविवार सुबह अहमदाबाद शहर में पहिंद विधि कर भगवान जगन्नाथ की 147वीं वार्षिक रथयात्रा की शुरुआत की जो शनिवार रात शांतिपूर्वक संपन्न हो गई।
जगन्नाथ मंदिर के ट्रस्टी महेन्द्रभाई झा ने बताया कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के बीच हजारों श्रद्धालुओं के साथ रथयात्रा रात लगभग साढ़े नौ बजे जमालपुर स्थित भगवान के निज मंदिर शांतिपूर्वक लौट आई है। जहां परंपरा के अनुरूप भगवान की नजर उतारने की रस्म के बाद महाआरती की गई।
राज्य की राजधानी गांधीनगर, अहमदाबाद, राजकोट, सूरत, भावनगर, वडोदरा, जामनगर, जूनागढ, अमरेली, दाहोद समेत राज्य के विभिन्न छोटे बडे शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी आज भगवान जगन्नाथ की रथयात्राएं आयोजित की गईं। राज्यभर में लोगों में रथयात्रा को लेकर खासा उत्साह देखा गया और जय जगन्नाथ, नंद घर आनंद भयो और जय रणछोड माखनचोर के जयकारों से वातावरण गूंज उठा तथा भक्तगण भाव-विभोर देखे गए।
राज्य में गांधीनगर जिले के अडालज स्थित जगन्नाथ मंदिर से राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने आषाढ़ी दूज एवं रथयात्रा के पावन पर्व पर भगवान जग्नाथ की रथयात्रा को सोने की झाडू लगाने की पहिंद विधि कर मंदिर से रथ को प्रस्थान कराया था। निज मंदिर से शनि मंदिर, उवारसद चार रास्ता, अडालज चार रास्ता होते हुए अन्नपूर्णा मंदिर गई और वहां से श्री जगन्नाथ रथयात्रा अपराह्न निज मंदिर वापस आ गई। रथयात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की अनिच्छनीय घटना ना बने उसके लिए गुजरात पुलिस ने भी शहरों और ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा के खास इंतजाम किए थे।
अहमदाबाद के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील पुराने इलाकों से होकर गुजरने वाली रथयात्रा के लिए सुरक्षा के भी कड़े प्रबंध किए गए। रथयात्रा में हजारों पुलिस तथा सुरक्षाकर्मी बंदोबस्त में रहे। रथयात्रा रूट पर रीयल टाइम मॉनिटरिंग, ड्रॉन के माध्यम से पूरी रथयात्रा की निगरानी के साथ तकनीकी युक्त सुरक्षा उपकरणों को भी रथयात्रा में जोड़ा गया। भक्तों को दर्शन देने भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलराम के साथ खुद नगर यात्रा पर निकले थे।
रथयात्रा के उमंग पर्व को शांति एवं सुरक्षापूर्ण वातावरण में संपन्न कराने के लिए शहर पुलिस प्रशासन की प्रतिबद्धता दर्शाने, रथयात्रा को सफल बनाने के लिए आईजी स्तर से लेकर पुलिस कर्मचारियों तक 18700 से अधिक सुरक्षा कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं।
रथयात्रा में शामिल होने वाले रथों, ट्रकों, अखाड़ों, भजन मंडलियों तथा महंतों की सुरक्षा के लिए रथयात्रा के साथ मूविंग बंदोबस्त में लगभग 4500 पुलिस कर्मचारी जुड़े। समग्र रथयात्रा में बाधा के निवारण तथा सुचारु यातायात संचालन के लिये यातायात शाखा के संयुक्त पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में 1931 जवान तैनात रहे। इतन ही नहीं लगभग 16 क्रेनों की व्यवस्था भी की गई।
रथयात्रा के दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से कोई अफवाह या गुमराह करने वाले समाचार, विवरण कहीं प्रचारित-प्रसारित हों तो उसके विरुद्ध तत्काल सत्य-यथार्थ से लोगों को अवगत कराने पर पुलिस प्रशासन विशेष ध्यान दिया। इस संदर्भ में पुलिस आयुक्त के अनुसार रथयात्रा में पर्याप्त मॉनिटरिंग प्रबंधन में लगभग 47 लोकेशन से 96 कैमरा, 20 ड्रोन, 1733 बॉडीवॉर्न कैमरा द्वारा लाइव मॉनिटरिंग की जायेगी। इसके अलावा 16 किलोमीटर के समग्र रथयात्रा रूट पर निजी दुकान मालकों की सहभागिता से लगभग 1400 सीसीटीवी कैमरा से पुलिस नियंत्रण कक्ष नजर रखा गया।
यात्रा के दौरान किसी मेडिकल इमर्जेंसी या अप्रत्याशित घटना की स्थिति में चिकित्सा सेवाओं के लिये अहमदाबाद महानगर पालिका की तीन और राज्य सरकार के असारवा एवं सोला स्थित सिविल अस्पतालों मेडिकल टीमें स्टैंडबाई रखी गईं। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया गया है कि पांच अर्बन हेल्थ सेंटर में भी तत्काल उपचार उपलब्ध रहेगा। 108 एम्बुलेंस सेवा की 11 तथा मनपा की पांच एम्बुलेंस भी आवश्यकतानुसार उपलब्ध रही।
इस रथयात्रा के दौरान नगरजनों की सहायता के आशय से यात्रा रूट पर लगभग 17 जन सहायता केन्द्र भी स्थापित किये गए। इस परंपरागत रथयात्रा को साम्प्रदायिक सौहार्द का उत्सव बनाने के लिये रथयात्रा से पूर्व शहर पुलिस प्रशासन द्वारा शांति समिति की 132 बैठकें, मोहल्ला समिति की 136 बैठकें, महिला समिति की 38 बैठकें, विभिन्न धर्मगुरुओं के साथ 18 बैठकें तथा भगवान के रथों को खींचने वाले खलासी भाइयों, अखाड़ा संचालकों के साथ लगभग 25 बैठकें की गई।
पटेल आषाढ़ी दूज के अवसर पर सुबह अहमदाबाद में जगन्नाथ मंदिर पहुंचे तथा भगवान जगन्नाथ का पूजन-अर्चन कर भगवान के मुख्य रथ को मंदिर से नगरयात्रा के लिए प्रस्थान कराने हेतु मंदिर परिसर से भक्तिपूर्वक बाहर लाने में सहभागी हुए। उन्होंने रथयात्रा के अवसर पर सभी नागरिकों को बधाई दी और भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना की है कि गुजरात हमेशा सद्भावना, एकता, शांति और समृद्धि के साथ आगे बढ़ता रहे।
उसके बाद जय जगन्नाथ, नंद घर आनंद भयो और जय रणछोड माखनचोर के जय घोषों के बीच रथयात्रा को रवाना किया गया था। रथयात्रा में हाथी, भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बडे भाई बलभद्र के तीन रथों के पीछे सैकडों अखाडे, भजन मंडलियां और हजारों लोगों की भीड़ चल रही थी, जिनमें करतबबाज और साधु-संत भी शामिल थे।
रथयात्रा दोपहर बाद भगवान की ननिहाल, मामा-मौसी के घर के प्रतीक स्वरूप सरसपुर पहुंची। सरसपुर में हजारों श्रद्धालुओं प्रसाद स्वरूप भोजन भी ग्रहण किया और विश्राम के बाद रथयात्रा पुराने शहर के शाहपुर और दरियापुर जैसे संवेदनशील विस्तारों से होकर वापस मंदिर लौट आई।
रथ यात्रा की शुरुआत सबसे पहले गजराज से होती है। इसलिए करीब 18 सजे हुए गजराज यात्रा में सबसे आगे थे। उसके बाद 101 प्रकार की झांकियां ट्रक में सजायी गयीं। इस दौरान कसरत के प्रयोग दिखाते हुए 30 अखाड़े, 18 भजन मंडली, तीन बैंडबाजे भी भगवान के रथ के साथ थे। करीब 2000 से अधिक साधु-संत हरिद्वार, अयोध्या, नासिक, उज्जैन, जगन्नाथपुरी और सौराष्ट्र से इस रथयात्रा में शामिल हुए। रास्ते में 1,000 से 1200 लोग रथ खींचते रहे। इस रथयात्रा के लिये प्रसाद के भी खास इंतजाम किए गए। जिसमें करीब 30 हजार किलोग्राम मूंग, 500 किलोग्राम जामुन, 500 किलोग्राम आम, 400 किलोग्राम ककड़ी, अनार और खिचड़ी का प्रसाद रथयात्रा के दौरान बांटा गया।
अहमदाबाद के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील पुराने इलाकों से होकर गुजरने वाली रथयात्रा के लिए सुरक्षा के भी कड़े प्रबंध किये गये। रथयात्रा में हजारों पुलिस तथा सुरक्षाकर्मी बंदोबस्त में हैं। रथयात्रा रूट पर रीयल टाइम मॉनिटरिंग, ड्रॉन के माध्यम से पूरी रथयात्रा की निगरानी के साथ तकनीकी युक्त सुरक्षा उपकरणों को भी रथयात्रा में जोड़ा गया।
पटेल ने सीएम डैशबोर्ड से विशेष रूप से भगवान के मुख्य रथ के मार्ग तथा यात्रा में जुड़े पदयात्रियों के विषय में सूक्ष्मतापूर्वक जानकारी प्राप्त की। उन्होंने संवेदनशील क्षेत्रों में किए गए पुलिस सुरक्षा प्रबंध के विषय में भी वीडियो वॉल के माध्यम से संपूर्ण जानकारी ली। साथ ही रथयात्रा के रूट की रियल टाइम मॉनिटरिंग की विस्तृत जानकारी भी हासिल की। अहमदाबाद शहर पुलिस और महानगर पालिका की टीम द्वारा मुख्यमंत्री निवास स्थान से सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से इस रथयात्रा की पूरे दिन रियल टाइम मॉनिटरिंग करने की व्यवस्था की गई। इस टीम ने मुख्यमंत्री को रथयात्रा के अंतिम चरण से अवगत रखा।
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