मुंबई। शीना बोरा हत्याकांड की सुनवाई कर रही मुंबई की एक अदालत में गुरुवार को उस समय कुछ नाटकीय दृश्य देखने को मिले, जब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पहली बार दावा किया कि उसके पास हत्या की शिकार महिला के कंकाल के अवशेष हैं।
जांच एजेंसी ने एक विशेष न्यायाधीश से कहा कि यह दावा करना गलत होगा कि शीना बोरा के कंकाल के अवशेष गायब हैं, क्योंकि इनमें से कुछ दिल्ली में सुरक्षित रखे गए हैं। 24 वर्षीय शीना बोरा की 2012 में उसकी मां इंद्राणी मुखर्जी और अन्य लोगों ने कथित तौर पर हत्या कर दी थी।
शीना के कंकाल के अवशेषों के कथित रूप से गायब होने और सीबीआई द्वारा अपने पास मौजूद सबूतों के बारे में खुलासा करने का मुद्दा अदालत में तब उठा, जब उसे एक पत्र मिला, जिसमें आरोप लगाया गया था कि एनाटॉमी के एक प्रोफेसर ने महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने की साजिश रची थी।
सीबीआई की गवाह ज़ेबा खान, जो जेजे अस्पताल में एनाटॉमी विभाग की प्रोफेसर हैं, पर गलत कामों का आरोप लगाने वाला पत्र उनके भाई नवीद खान ने लिखा था, जिसका उनके साथ विवाद है।
नवीद ने आरोप लगाया कि ज़ेबा ने कंकालों को नष्ट करके गलत किया और बदले में धन एकत्र किया, जिससे उसने गल्फ में संपत्ति खरीदी। उन्होंने दावा किया कि शीना बोरा हत्याकांड में कंकालों के गायब होने की खबरों के बाद वह अदालत के साथ यह महत्वपूर्ण जानकारी साझा करना चाहते थे। सुनवाई के दौरान पत्र ने हंगामा मचा दिया और विशेष अदालत ने सीबीआई से आगे की कार्रवाई के लिए अपना रुख स्पष्ट करने को कहा।
इसके अलावा, अदालत ने अभियोजन पक्ष से विशेष रूप से पूछा कि क्या वे पत्र में बताए गए आरोपों पर जांच करेंगे। सीबीआई अभियोजक ने स्पष्ट किया कि हड्डियों का पता लगाया गया था, लेकिन मुकदमे में सबूत के तौर पर उन पर भरोसा नहीं किया जा रहा था। सीबीआई के इस बयान के साथ, ज़ेबा के खिलाफ आरोप अप्रासंगिक पाए गए।