ब्यावर को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बनाया जाएगा मोहरसागर कृत्रिम बांध

जयपुर। राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि अजमेर जिले में पेयजल के लिए बीसलपुर बांध की निर्भरता को कम करने एवं ब्यावर को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जिले में लगभग 200 एमसीएम घन मीटर भराव क्षमता का मोहरसागर कृत्रिम बांध बनाया जाएगा।

रावत प्रश्नकाल में पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इस बांध के द्वारा अजमेर एवं इसके आस पास के क्षेत्रों को 2 वर्षों तक पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने बताया कि संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना (एकीकृत ईआरसीपी) में पूर्वी राजस्‍थान के 13 जिलों (नव गठित 21 जिलों) को लाभान्वित क्षेत्र में सम्मिलित किया गया है एवं संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना (एकीकृत ईआरसीपी) के अन्‍तर्गत लाभान्वित 13 जिलों (नव गठित 21 जिलों) में अजमेर एवं ब्‍यावर जिले भी सम्मिलित है।

इससे पहले विधायक शंकर सिंह रावत के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में जल संसाधन मंत्री ने बताया कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के तहत राज्य सरकार द्वारा परियोजना के घटकों नवनेरा बैराज एवं ईसरदा बांध के निर्माण के लिए अब तक 1054.45 करोड़ रूपए एवं 942.08 करोड़ रूपए का बजट स्वीकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 के अन्तरिम बजट में योजना की क्रियान्विति के लिए आवश्यक राशि 45 हजार करोड़ रूपए प्रस्तावित की गई है।

सुरेश रावत ने बताया कि राज्य में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 9600 करोड़ रुपए के एलओए जारी किए गए हैं। इसके अतिरिक्त परियोजना के अन्तर्गत 5 महत्वपूर्ण लिंक व चम्बल बेसिन के कार्यों को भी चरणबद्ध रूप से कराया जाना प्रस्तावित किया गया है। शंकर सिंह रावत ने एकीकृत ईआरसीपी योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम रखने की मांग भी की।