अजमेर। राजस्थान में अजमेर के सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती का 813वां सालाना उर्स नये हिजरी संवत 1446 के रजब माह यानी 31 दिसंबर 2024 से शुरू होकर सात जनवरी 2025 तक भरेगा।
देश-दुनियां से आने वाले जायरीनों की सुविधा के लिए खादिमों की ओर से उर्स की तारीखों के साथ अकीदतमंदों को सूचना भेजने का काम शुरू कर दिया गया है ताकि आशिकाना-ए-ख्वाजा अपनी सहूलीयत से उर्स में अजमेर आने का कार्यक्रम बना सकें। सालाना उर्स रजब महीने के चांद से शुरू होता है।
प्रस्तावित कार्यक्रम में 30 दिसंबर को चांदरात पर चांद दिखाई देने पर 31 दिसंबर से उर्स शुरू होगा और इसी दिन दरगाह स्थित जन्नती दरवाजा छह दिनों के लिए खोला जाएगा। दरगाह के महफिल खाने में महफिल होगी। ख्वाजा साहब के आस्ताने पर गुस्ल की धार्मिक रस्म भी होगी। तीन जनवरी 2025 को जुम्मे की नमाज और सात जनवरी को कुल और छठी की फातहा होगी। 10 जनवरी को बड़े कुल की रस्म के साथ उर्स सम्पन्न हो जाएगा।
खादिमों ने अपनी ओर से प्रस्तावित कार्यक्रम के जरिये उर्स में शरीक होने के लिए अकीदतमंदों को आमंत्रित किया है। उल्लेखनीय है कि समय पर चांद की शाहदत के समाचार कहीं से नहीं मिले तो सभी धार्मिक रस्में एवं उर्स का आगाज अगले दिन यानि एक जनवरी 2025 से होगा। गरीब नवाज के सालाना उर्स में प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं कई राजनेताओं के साथ पड़ौसी मुल्क पाकिस्तान की चादर भी पेश किएजाने की परम्परा है।