जयपुर। सरपंच संघ राजस्थान के बैनर तले चल रहा आंदोलन पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर सरपंच संघ के पदाधिकारियों एवं अधिकारियों के बीच हुई कई दौर की वार्ता के बाद एक महीने के लिए स्थगित कर दिया गया है। वार्ता के दौरान ज्यादातर मांगों पर सहमति बनने के बाद बुधवार को विधानसभा का घेराव भी स्थगित कर दिया गया।
सरपंच संघ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल एवं मुख्य प्रवक्ता रफीक पठान ने बताया कि 15 सूत्री मांगों को लेकर राजस्थान के सरपंच आंदोलन कर रहे थे। इसमें विकास के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा दिया जाने वाला फंड गत दो साल से बकाया चलने, मनरेगा सामग्री का भुगतान तीन साल से नहीं होने की शिकायत दूर करने तथा खाद्य सुरक्षा का लाभ वंचित पात्र परिवारों को देने, प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृतियां निकालने, सरकार की घोषणा वन स्टेट— वन इलेक्शन के तहत सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाने सहित कई मांगे शामिल थी।
इन मांगों के लिए सरपंचों ने विधानसभा का 24 जुलाई को घेराव का आह्वान किया था। राज्य सरकार ने सरपंचों को वार्ता के लिए बुलाया। वार्ता के दौरान सहमति बनी कि राज्य वित्त आयोग का 1100 करोड रुपए 15 अगस्त तक पंचायत के खातों में डाल दिया जाएगा। मनरेगा का वर्ष 2022 -23 का बकाया 600 करोड रुपए केंद्र से प्राप्त हो चुका है। उसे हफ्ते भर के भीतर ग्राम पंचायतो के खाते में डाल दिया जाएगा।
इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास एवं खाद्य सुरक्षा का लाभ लाभार्थियों को देने के लिए केंद्र सरकार से जैसे ही दिशा निर्देश मिलेंगे, उसे पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी। सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाने की मांग पर एक कमेटी का गठन किया जाएगा जो पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश द्वारा वर्ष 2022 में जारी आदेश का अध्ययन कर रिपोर्ट सरकार को देगी।
इन सभी मांगों पर सहमति बनने पर राजस्थान सरपंच संघ के पदाधिकारियों ने बुधवार को पंचायती राज एवं शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का साफा पहनाकर एवं गुलदस्ता देकर स्वागत किया और आभार जताया।