भगवान भोले के दरबार में कोई छोटा कोई बड़ा नहीं है : विष्णु शरण महाराज

अजमेर। भगवान भोलेनाथ तो ओघड़ दानी है। उनके दरबार में ना कोई अमीर है ना गरीब है, ना राक्षस है ना हवन, ना ही देवता हैं। वे अगर प्रसन्न हो जाते हैं तो बिना किसी भेदभाव के अपने भक्तों को सब कुछ दे देते हैं। ये बात विष्णु शरण महाराज ने मदार स्थित पिपलेश्वर महादेव मंदिर में श्रावण मास के अवसर पर आयोजित शिव महापुराण कथा के दौरान श्रद्धालुओं से कही।

महाराज ने दक्ष और शिव पार्वती संवाद के दौरान कहा कि भगवान भोले की माया अपरंपार है। राजा दक्ष ने जब भगवान भोलेनाथ को यज्ञ में नहीं बुलाया और ना ही उनको आसन दिया तब मां पार्वती नाराज होकर सती हो गई। भगवान भोलेनाथ ने उनका मुख काट दिया और उसकी जगह पर बकरे का सिर लगा दिया। भगवान भोलेनाथ बड़े-बड़े अपराधों को भी क्षमा कर देते हैं और भक्तों को अभय वरदान देते है।

कथा के दौरान महाराज ने कहा कि जब तारकासुर ने इस संसार में विनाश मचाना शुरू कर दिया तब संतों ने देवताओं और साधुओं ने भगवान की वंदना कर भगवान शंकर के विवाह के लिए उन्हें मनाया। कथा के दौरान महाराज ने एक से एक भजनों की प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। कथा के पश्चात आरती की गई।