सबगुरू न्यूज- आबूरोड। आबूरोड पुलिस गुजरात से आने वाले पर्यटकों को रोककर ट्राफिक रूल का ज्ञान देने और चालान फाड़ने को अपना एकमात्र ध्येय बना चुकी है।
आबूरोड पुलिस इसी ध्येय के साथ पिछले 15 दिनो से मानपुर से आकरा भट्टा के बीच लग जाती तो रोज सुबह और दोपहर को आबूरोड के सैंकड़ों स्कूली बच्चों को हो रही समस्या से राहत मिल जाती। पिछले 15 दिनो से स्कूल से रोज स्कूल जाते और आते समय मानपुर आकराभट्टा के बीच लंबे जाम में फंसने वाली स्कूल बसों को इस समय बाहर निकालने के लिए 15 दिनो से कोई प्रॉपर प्लानिंग नहीं कर पाई है आबूरोड पुलिस।
– पीडब्ल्यूडी ने पैदा की समस्या
आकरा भट्टा हाउसिंग बोर्ड के मोड़ से हार्दिक हॉस्पिटल के बीच पीडब्ल्यूडी ने सड़क के पुनर्निर्माण का काम शुरू किया। पुरानी सड़क से ऊंची सीसी रोड़ बनाई है। इस मार्ग की चौड़ाई के आधे हिस्से पर सीसी रोड बनाई है आधा हिस्सा पुराना है। सीसी रोड होने के कारण उसकी पानी की तराई के लिए इस आधे मार्ग को 10 दिनो से खोला नहीं है। ऐसे में आबूरोड शहर और तलहटी के बीच जाने वाले इस मार्ग पर यातायात के लिए आधा ही मार्ग बचता है। इसी मार्ग पर आने वाले और जाने वाले दोनों तरफ के वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है। इसी में मार्बल स्लैब के ट्रक, ट्रोलर, रोडवेज को बसें भी घुसा दी जाती है ऐसे में मानपुर से अकरा भट्टा के बीच में आकरा भट्टा हाउसिंग बोर्ड के सामने दोनों तरफ रोज 500 मीटर लंबा जाम लगता है।
– रोज फंस जाते हैं सैकड़ों बच्चे
आबूरोड स्कूल हब के रूप में विकसित हो रहा है। तलहटी से लेकर आबूरोड शहर के बीच की हजारों की आबादी इसी मुख्य मार्ग के दोनों तरफ पड़ती है। सुबह स्कूल जाने के समय और दोपहर को स्कूल से आने का समय इस मार्ग पर दोनों तरफ से स्कूल बसों का आना भी होता है। इसमें आबूरोड के सैंकड़ों बच्चे जाम में फंस रहे हैं। दोपहर में जाम फंसे ये बच्चे भूख और गर्मी में तड़पते रहते हैं। इसमें एलकेजी और फिफ्थ क्लास तक के छोटे छोटे बच्चे भी शामिल हैं। लेकिन, तलहटी, मानपुर, तरतौली मोड़, बस स्टैंड और रेल्वे स्टेशन पर गुजरात के पर्यटकों को रोककर चालान के बहाने सरकार के लिए पैसा उगाहने के जुगाड में लगी आबूरोड पुलिस 10 दिनो से इस समस्या से इन बच्चों निजात नहीं दिलवा पाई है।
– फंसा देते है रोडवेज बसें, ट्रोले और डम्पर
मानपुर से आकरा भट्टा के बीच जहां पर जाम लगता है इसके बीच दो घनी आबादी क्षेत्र हैं। लेकिन, ये मार्ग तलहटी तक जाता है इस बीच कई छोटी-छोटी कालोनियों के साथ ब्रह्माकुमारी भी पड़ती है। आबूरोड पुलिस चाहती तो दस दिन में इस जाम से बच्चों को बचाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर सकती थी, लेकिन, आज तक ये व्यवस्था नहीं कर सकी।
ऐसा नहीं है कि इसकी व्यवस्था नहीं की जा सकती है। लेकिन गुजराती पर्यटकों से मोहभंग होवे तब वो ऐसा करेगी। जाम वाले इस मार्ग पर माउंट आबू और सिरोही जाने वाली रोडवेज की बसें, मार्बल वाले ट्रोलर, ट्रक, डंपर सब फंस जाते हैं। लेकिन, पुलिस इन्हे डायवर्ट नहीं करती।
मानपुर से ऋषिकेश ब्रह्माकुमारी सोलर प्लांट, मुखरी माता होते हुए एक मार्ग माउंट आबू सिरोही जाता है। तरतौली से होते हुए एक मार्ग फोरलेन पर खुलता है जो सिरोही निकलता है। माउंट आबू और सिरोही जाने वाले वाले बड़े और छोटे वाहनो को इस मार्ग से निकाला जा सकता है। सिर्फ आकरा भट्टा हाउसिंग बोर्ड और ब्रह्माकुमारी तक के छोटे वाहन के साथ सिर्फ स्कूल बसों को जाम वाले मुख्य मार्ग पर भेजकर इन स्कूली बच्चों को राहत दी जा सकती है।
नेताओ के लिए रास्ते खुलवाने वाली आबूरोड पुलिस इन मासूमों को सही समय पर स्कूल और घर पहुंचवाने में 10 दिन से नाकाम रही है। जो हालत हैं उससे इस रास्ते के पूरी तरह से ठीक होने तक सुबह 6 से रात 8 बजे तक ये व्यवस्था रखनी होगी। लेकिन, शनिवार और रविवार को माउंट आबू में गुजराती पर्यटकों के आने को छोड़कर आबूरोड पुलिस इस पर ध्यान रही है।