अजमेर। सच्ची श्रद्धा और विश्वास ही प्रभु का स्वरूप है क्योंकि जब तक संसार में आपकी श्रद्धा अपने माता-पिता अपने गुरु और अपने आराध्य देव पर नहीं होगी तो आपको सच्चा ज्ञान प्राप्त नहीं होगा और इस संसार में आप दुर्जन पुरुषों के संग में रहकर अपना जीवन व्यर्थ ही गंवा दोगे। ये बात प्रज्ञा चक्षु संत ध्यानीराम महाराज ने नला बाजार स्थित रामद्वारा में आयोजित नानी बाई मायरा के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही।
महाराज ने कहा कि संसार में जितने भी कार्य हो रहे हैं वे सब विश्वास के दम पर हो रहे हैं यहां तक की चोर और डकैत भी एक दूसरे पर विश्वास करते हैं तभी वेसफल होते हैं। विश्वास एक ईश्वर का स्वरूप है, वे जानते हैं की विश्वास घाती कभी भी आपके जीवन में धोखा दे सकते हैं। संसार में जितना भी व्यापार, रिश्ते, संबंध है वह सब विश्वास है और इस विश्वास के दम पर इस विश्वास के सहारे संसार की सभी रिश्ते नाते चल रहे हैं।
रिश्ता चाहे भक्त और भगवान का हो, माता-पिता और पुत्र का हो, पति-पत्नी का हो, बहन भाई का हो, समाज में रहने वाले सभी समाज बंधुओं का हो सभी विश्वास और सच्ची श्रद्धा के निभ रहे हैं। विश्वास और श्रद्धा से संसार रूपी नाव चल रही है।
महाराज ने नानी बाई मायरा में भक्त नरसी की कथा के दौरान कहा कि नरसी का अपने आराध्य देव नटवर नागर, गिरधर गोपाल, बंसी वाले कृष्ण कन्हैया पर था। कृष्ण कन्हैया ने उन्हें उनकी प्रिय राग केदार व्यापारी से लाकर दी और नरसी ने लाख केदार गाकर भगवान को याद किया तो वे बालक के रूप में आए और माला पहनाई।
राजा यह देख आश्चर्यचकित हुआ, राजा ने कहा भक्त नरसी आपकी सच्ची श्रद्धा और विश्वास ने आज हमारा मस्तक ऊंचा कर दिया है। हमारे राज्य में भी भगवान का इतना बड़ा भक्त है। उन्होंने करताल लेकर भगवान से प्रार्थना की और भगवान के गुणानुवाद करने लगे आंखों में आंसू भरकर गाने लगे आओ महारा नटवर नागरिया…. इस प्रकार जब भक्त को भगवान ने दुखी देख तो वह स्वयं आकर माला के रूप में नरसी के गले में लिपट गए जब यह चमत्कार राजा ने देखा तो उन्होंने नरसी से क्षमा मांगी।
महाराज ने कहा कि सच्चे मन से बिना किसी लोभ लालच के संसार के विकारों से दूर रहकर जो अपने आराध्य देव की पूजा अर्चना करता है। वह जीवन में कोई भी कष्ट आने पर विचलित नहीं होता। इसलिए अपने आराध्य देव पर सच्चा भरोसा रखो और उसकी पूजा अर्चना वंदना करो तभी आप संसार में सफल होंगे और आपके सारे दुखों का निवारण होगा। संत उत्तम राम शास्त्री ने भजनों की प्रस्तुति दी। आज के मुख्य जजमान सोनी परिवार ने पूजा अर्चना की और आरती के पश्चात श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।