आईआईटी रुड़की से चित्तौड़गढ़ की भारती को मिली पीएचडी

चित्तौड़गढ़। स्ट्रक्चरल बायोलॉजी में उत्कृष्ट शोध कार्य के लिए भारती को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की) से पीएचडी मिली है। भारती के शोध का विषय एचपीवी 33 ई2 प्रोटीन के डीएनए बाइंडिंग डोमेन का अध्ययन था।

आईआईटी रुड़की में आयोजित 24वें दीक्षांत समारोह में भारती को यह उच्च शैक्षिणक डिग्री दी गई। इस कार्यक्रम में नैसकॉम की अध्यक्ष देबजानी घोष मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं तथा इसकी अध्यक्षता बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष बीवीआर मोहन रेड्डी ने की।

इस शोध से महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी। भारती के शोध से एचपीवी वायरस के बायोफिजिकल और इन सिलिको कैरेक्टराइजेशन में मदद मिलेगी, साथ ही महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ प्राकृतिक दवाओं और वैक्सीन की खोज में भी मदद मिलेगी। चित्तौड़गढ़ हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, सेती निवासी पिता एईएन लालाराम व माता शीला देवी पुत्री की इस कामयाबी पर गौरान्वित हैं।

भारती के शोध कार्य की मुख्य बातें

शोध का विषय: एचपीवी 33 ई2 प्रोटीन के डीएनए बाइंडिंग डोमेन का अध्ययन
शोध का उद्देश्य: महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ लड़ाई में मदद करना।