वायनाड। केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बुधवार को बढ़कर 238 हो गई, जबकि 225 लोग अभी भी लापता हैं। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
आज चालियार नदी से 46 शव बरामद किए गए, जो मलप्पुरम जिले के पोथुक्कल से मुंडेरी इलाकों के बीच और मुंडक्कई में दुर्घटना स्थल से लगभग 38 किलोमीटर दूर बहकर आ गए थे, जबकि मुंडक्कई में घरों के मलबे से 14 शव बरामद किए गए।
सेना के जवानों सहित बचाव दल, जिन्होंने मुंडक्कई और चूरामला क्षेत्रों से 1592 पीड़ितों को बचाया, ने मुंडक्कई में घरों के मलबे के नीचे से 10 शव बरामद किए गए। सूत्रों ने कहा कि खराब रोशनी और बारिश के कारण खोज एवं बचाव अभियान आज लगभग 1730 बजे समाप्त हो गया और यह गुरुवार सुबह भी जारी रहेगा।
इस बीच, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक सर्वदलीय बैठक में भाग लिया। मुंडक्कई में 500 से अधिक घरों के लगभग 1,000 पीड़ितों के रहने के लिए आठ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।
एक स्थानीय निवासी ने बताया कि मुंडक्कई में केवल 30 घर बचे हैं। सेना, नौसेना, तटरक्षक बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, केरल पुलिस विशेष बल, श्वान दस्ता और स्थानीय स्वयंसेवकों के लगभग 600 बचाव कर्मी मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों में खोज और बचाव अभियान चला रहे हैं। उन्होंने लगभग 250 फंसे हुए लोगों को बचाया है।
गौरतलब है कि 30 जुलाई को भूस्खलन में पुल बह जाने के बाद सेना के जवानों ने चूरलमाला को मुंडक्कई से जोड़ने के लिए बेली ब्रिज का निर्माण शुरू कर दिया है। राजस्व मंत्री के. राजन और पांच सदस्यीय मंत्री दल अब भी बचाव और खोज अभियान में सहायता के लिए मुंडक्कई में डेरा डाले हुए है।