जयपुर/अजमेर। राजस्थान के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि अजमेर शहर में नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इस वर्ष बजट में 265 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।
चौधरी प्रश्नकाल में पूरक प्रश्नों पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त अमृत 2.0 योजना के तहत अजमेर शहर में पेयजल के लिए 186.17 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गए हैं, जिसमें से 86 करोड़ रुपए के कार्य विधानसभा क्षेत्र अजमेर दक्षिण के लिए स्वीकृत किये गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से वर्तमान में अजमेर में 72 घंटे के स्थान पर 48 घंटे में जलापूर्ति सुनिश्चित की गई है।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के कुप्रबंधन के कारण प्रदेश के 186 शहरों के लिए स्वीकृत की गई अमृत 2.0 योजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनने में देरी हुई। गत सरकार के समय योजना के लिए अधिकृत फर्म द्वारा बिना मौका मुआयना किए केवल बाहरी क्षेत्रों के आधार पर ही डीपीआर बना दी गई।
उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा डीपीआर का परीक्षण करवाया गया और योजना के अंतर्गत लिए गए कार्यों का चयन आवश्यकता अनुरूप नहीं पाए जाने पर फर्म द्वारा सम्बंधित अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की उपस्तिथि में मौका मुआयना कर डीपीआर को संशोधित किया गया।
उन्होंने बताया कि 186 में से 30 डीपीआर पूर्ण कर ली गई है, जिनकी निविदा का कार्य प्रक्रियाधीन है। उन्होंने आश्वस्त किया कि अगले माह तक समस्त डीपीआर प्राप्त कर निविदा की कार्यवाही की जाएगी।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इस संबंध में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा अजमेर जिले में क्षतिग्रस्त पंप एवं पाइपलाइन के कारण जल आपूर्ति में आ रही बाधा को जल्द से जल्द दूर किया जाए। इससे पहले चौधरी ने विधायक अनिता भदेल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 25 जून, 2015 को अमृत योजना प्रथम की शुरूआत की गई।
प्रदेश में अमृत योजना प्रथम के अंतर्गत 23 शहरों एवं कस्बों की जलापूर्ति योजनाओं की 1007.36 करोड़ रूपए की स्वीकृति केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय की एपेक्स कमेटी द्वारा 18 नवंबर 2016 को जारी की गई। शहरवार स्वीकृत योजनाओं की सूची उन्होंने सदन के पटल पर रखी।