नई दिल्ली। भारतीय प्रशासनिक सेवा की पूर्व प्रशिक्षु पूजा खेडकर को गुरुवार को एक और झटका लगा जब दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए आवेदन में कथित रूप से तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने से संबंधित शिकायत के परिप्रेक्ष्य में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जंगाला ने खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका को आज मंजूरी देने से इनकार कर दिया। इससे पहले बुधवार को उन्होंने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
खेडकर के वकील ने उनके खिलाफ आपराधिक मामले के कारण गिरफ्तारी के आसन्न खतरे का हवाला देते हुए अदालत से अग्रिम जमानत देने का अनुरोध किया। सरकारी वकील ने अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जांच प्रारंभिक चरण में है और खेडकर से संबंधित विभिन्न दस्तावेजों का सत्यापन किया जाना है।
पुलिस ने मामले में यूपीएससी की ओर से शिकायत मिलने के बाद खेडकर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। उन पर आरोप है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा 2022 को पास करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और बेंचमार्क विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूबीडी) के तहत कोटा का दुरुपयोग किया।