जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि समाज के सभी वर्गों के उत्थान से ही विकसित राजस्थान का सपना साकार हो सकता है। इसलिए राज्य सरकार ने राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए परिवर्तित राज्य बजट 2024-25 में उनके सुझावों को शामिल करते हुए प्रावधान किए हैं।
शर्मा रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के लिए बजट घोषणाओं पर धन्यवाद सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों और उनके परिवार के हितों के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। कर्मचारी हमारे समाज के गौरव हैं, जोे अपने जीवन का अधिकांश समय राज्य की सेवा में समर्पित करते हैं।
कर्मचारी अपनी कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण से राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि पेंशनर्स अपने परिवारों के साथ समाज के लिए भी प्रेरणा स्रोत हैं। पेंशनर्स का अनुभव और ज्ञान राज्य के विकास के लिए अमूल्य संपत्ति है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस बजट में कर्मचारियों तथा पेंशनर्स के कल्याण के लिए वेतन विसंगति संबंधी सुधार, अधिकतम ग्रेच्युटी राशि में वृद्धि, पेंशन वृद्धि, चिकित्सा सुविधाओं में सुधार जैसी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। इनसे कर्मचारियों तथा पेंशनर्स के जीवन की गुणवत्ता में बढ़ोतरी होगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 75 वर्ष से अधिक आयु पर बढ़ी हुई दर से पेंशन की सुविधा प्राप्त है। अब हमने 70 से 75 वर्ष के पेंशनर्स के लिए भी पांच प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता दिए जाने की घोषणा की है। साथ ही, केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 के अनुरूप गत एक अप्रैल के बाद कार्मिक की सेवा में रहते हुए मृत्यु होने पर 10 वर्षों तक बढ़ी हुई दर से पारिवारिक पेंशन मिलेगी।
शर्मा ने कहा कि 30 जून 2023 को सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को पेंशन गणना के लिए एक जुलाई, 2023 से एक काल्पनिक वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ दिया जाएगा तथा भविष्य में प्रतिवर्ष 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को भी यह लाभ मिलेगा।
शर्मा ने कहा कि घोषणाएं समय पर पूर्ण होने से ही संबंधित वर्ग को उसका लाभ मिलता है। इसीलिए हमारी सरकार ने कर्मचारी हित में बिना विलंब किए कुछ ही महीनों में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने सिर्फ चुनावों को ध्यान में रखते हुए बिना बजट प्रावधान के लुभावनी घोषणाएं की।
शर्मा ने कर्मचारियों से आह्वान किया कि कर्मचारी समाज के जिम्मेदार नागरिक भी हैं। इसलिए उन्हें नर सेवा को नारायण सेवा मानते हुए सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने आस-पास के वंचित व्यक्ति को केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाकर उन्हें समाज की मुख्य धारा में लेकर आएं। जब समाज का प्रत्येक व्यक्ति सेवा रूपी दीपक जलाएगा तभी समाज से असमानता और अभाव का अंधियारा दूर होगा तथा विकसित राजस्थान का संकल्प साकार होगा।
इस अवसर पर राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष अरविंद व्यास, राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के प्रदेशाध्यक्ष रमेश पुष्करणा, राजस्थान राज्य नर्सेज एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रामवीर सोलंकी सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी तथा पेंशनर्स मौजूद थे।