नटवर सिंह का निधन, अंतिम संस्कार सोमवार को दिल्ली में होगा

नई दिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नटवर सिंह का शनिवार की रात में लंबी बीमारी के बाद हरियाणा में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे। सिंह का अंतिम संस्कार सोमवार को नई दिल्ली में लोधी राेड श्मशान घाट पर किया जाएगा।

पूर्व विदेश मंत्री लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने कल रात मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली जहां वह पिछले कुछ हफ्ते से से भर्ती थे। सिंह के निधन पर राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने शोक व्यक्त किया।

राष्ट्रपति मुर्मु ने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) शोक संदेश में कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री नटवर सिंह के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। अपने लंबे करियर में, उन्होंने एक प्रतिष्ठित राजनयिक से लेकर एक उत्कृष्ट सांसद तक की भूमिका निभाई। पद्म भूषण से सम्मानित, वह एक प्रसिद्ध व्यक्ति भी थे। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने एक्स पर जारी एक संदेश में कहा कि नटवर सिंह ने विदेश मंत्री के तौर पर तथा अन्य पदों पर राष्ट्र की सेवा की। वह अच्छे लेखक थे और उन्होंने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। सिंह ने साहित्य और सार्वजनिक क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया। इसके लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा। धनखड़ ने कहा कि मैं दुःख की इस घड़ी में हेमिन्दर कौर, उनके पुत्र जगत सिंह तथा अन्य परिजनों और मित्रों एवं प्रशंसकों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। ॐ शांति।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शोक संदेश में कहा कि नटवर सिंह जी के निधन से दुखी हूं। उन्होंने कूटनीति और विदेश नीति की दुनिया में समृद्ध योगदान दिया। वह अपनी बुद्धिमत्ता के साथ-साथ विपुल लेखन के लिए भी जाने जाते थे। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। सुरजेवाला ने सिंह की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह जी के निधन का समाचार दुखद है। ईश्वर उनके परिजनों को यह क्षति सहने की शक्ति दे।

सिंह को 1984 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। पूर्व विदेश मंत्री ने विदेश मामलों सहित अन्य विषयों पर कई चर्चित किताबें भी लिखीं, जिनमें ‘द लिगेसी ऑफ नेहरू : ए मेमोरियल ट्रिब्यूट’ और ‘माई चाइना डायरी 1956-88’ शामिल हैं। उनकी आत्मकथा ‘वन लाइफ इज नॉट इनफ’ भी काफी सुर्खियों में रही थी।

सिंह का कूटनीति और राजनीति में एक विशिष्ट करियर था। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में उन्होंने 2004 से 2005 तक विदेश मंत्री के रूप में सेवा दी थी।