लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक बालकृष्ण का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद लखनऊ के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह करीब 89 वर्ष के थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बालकृष्ण के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की है।
परिजनों के मुताबिक आज सुबह उन्होंने रामममनोहर लोहिया संस्थान लखनऊ में अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार आज शाम कानपुर में गंगा तट पर भैरों घाट में कर दिया गया। इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को भारती भवन राजेन्द्र नगर लखनऊ में दर्शनार्थ रखा गया था।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रांत प्रचारक रहे बालकृृष्ण प्रांत के घोष प्रमुख भी रहे हैं। वर्ष 87 में कानपुर के हरजेंदर नगर के विद्यालय में प्रांत घोष शिविर के प्रमुख थे। बाल जी का प्रभाव इतना ज्यादा था कि दबदबे वाले मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की फ्लीट भी एक बार मेन गेट के बाहर ही रुकी थी और वह अपने ब्लैक कैट कमांडो को छोड़ कर पैदल ही अकेले अंदर आए क्योंकि गेट पर सुरक्षा व्यवस्था में लगे केवल दंड रखे हुए कुल 3 या 4 स्वयंसेवकों ने एके 47 धारक कमांडो लोगों को कह दिया था कि बाल जी ने कह रखा है कि कोई भी वाहन अंदर नहीं आएगा।
दरअसल, बाल जी के परिश्रम से सभी अनुशासित और नियंत्रित रहते थे। उन्हें चलता फिरता संघ कार्यालय की संज्ञा से नवाजा जाता था।