भीलवाड़ा। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि अजमेर दुष्कर्म कांड के आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा कम है, सरकार को चाहिए कि वे इस मामले में अपील करके मृत्युदंड की मांग करे।
कुमार ने शनिवार को राजस्थान में भीलवाड़ा नगर परिषद स्थित महाराणा प्रताप सभागार में विश्व हिंदू परिषद की स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित षुष्टिपूर्ति समापन कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से कहा कि आरोपी अब भी धर्म स्थल से जुड़े हैं और वहां काम कर रहे हैं।
उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि अजमेर कांड के आरोपियों को फांसी की सजा मिले, इसके लिये अच्छे वकीलों के साथ अपील करें। अजमेर में ही सर तन से जुदा नारे लगाना भी जिहादियों का खेल है।
कुमार ने वक्फ संपतियों की चर्चा करते हुए कहा कि मुस्लिम समाज की संपत्तियों के लिये अलग कानून है, जबकि हिंदू, बौद्ध, ईसाई, जैन समाज के लिए ऐसा कोई कानून नहीं है। उन्होंने सभी समाज के लिए समान कानून बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जिहादियों का एक वर्ग दुष्कर्म, हत्या, लूट को उचित मानता है, ऐसे मामलों की भी जांच होनी चाहिए।
कुमार ने उदयपुर कांड पर सवाल उठाते हुए कहा कि नाबालिग को हथियार किसने दिया, चलाने का प्रशिक्षण देने वाला कौन था और इस तरह का वातावरण के लिए उसे तैयार करने की भी गहनता से जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उदयपुर में इस तरह की दूसरी वारदात है। लव जिहाद एवं लैंड जिहाद के अलावा वर्तमान में नाबालिग के जरिये जिहाद चलाकर संगीन अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है, ताकि नाबालिग को किशोर कानून का फायदा मिले और वे सजा से बच जाएं। यह अपराध का एक नया तरीका है।
बंगलादेश के मुद्दे पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि शेख हसीना शरणार्थी है, न कि घुसपैठिया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह और उनके पिता भारत के मित्र रहे हैं, और उन्होंने आतंकवाद को पसरने नहीं दिया।
कुमार ने कहा कि हिंदू महिलाओं से दुष्कर्म, हत्या, मंदिरों पर हमला करके तोडऩे, घरों और दुकानों पर लूटने की 300 से ज्यादा घटनाएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि हमने बांग्लादेश सरकार के सामने तीन मांग रखी, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा, हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया। उन्होंने कहा इसके बाद वहां शांति हुई है, लेकिन वहां चुनावों के दौरान फिर हिंसा होने की आशंका है।