मुंबई। जी समूह के संस्थापक सुभाष चन्द्रा ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच के विरुद्ध सोमवार को गंभीर आरोप लगाए। चन्द्रा ने मीडिया से बातचीत के बाद एक लिखित बयान में आरोप लगाया है कि सेबी जी इन्टरटेंमेंन्ट के निवेशकों के हित में काम नहीं कर रहा है।
उन्होंने दावा किया कि सेबी ने शेयर बाजार बीएसई एवं एमएसई को जी इन्टरटेंमेंट के मामले में राष्ट्रीय कम्पनी विधि ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में चल रही कार्रवाई में हस्तक्षेप करने का निर्देश दिया और इस कम्पनी के सोनी के साथ विलय के प्रस्ताव में विध्न खड़ा किया। चन्द्रा ने यह आरोप इसी समय लगाया है जबकि बुछ अमरीका की सटोरिया कम्पनी हिन्डनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के आरोपों के घेरे में है।
उल्लेखनीय है कि जी और सोनी ने जापानी मीडिया कम्पनी सोनी के साथ एक विलय का करार किया था जो दस अरब डॉलर का था। यह करार 2021 में हुआ था लेकिन सोनी ने इस साल के शुरू में इससे पल्ला झाड़ लिया।
चन्द्रा ने घोषणा की है कि वह जी से जुड़े मामलों में खुद की हैसियत से सेबी के साथ सहयोग नहीं करेंगे। उन्होंने जी इन्टरटेंमेन्ट से भी अपने खिलाफ सेबी की जांच में सहयोग न करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि सेबी की जांच सेबी चेयरमैन के पूर्वाग्रह के अनुसार की जा रही है।
चन्द्रा ने यह भी दावा किया कि एक व्यक्ति ने उनसे मिलकर वादा किया था कि सेबी से जुड़े मामले को सेबी चेयरमैन बुच और उनके पति के साथ लेनदेन कर हल हो जायेगा।
उन्होंने दावा किया कि उन्हें मनजीत नाम के उस व्यक्ति ने कहा था कि चूंकि आप तीस हजार करोड़ रूपए के अधिक के ऋण के भुगतान का समाधान कर चुके है ऐसे में तीन अंकों में भुगतान से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। चन्द्रा ने कहा कि पहले उन्हें उस व्यक्ति की बातों का यकीन नहीं हुआ था लेकिन हिंडनबर्ग और आईसीआईसीआई बैंक की सेबी चेयरमैन बुछ और उनसे जुड़े व्यक्तियों को लेकर जो बाते सामने आयी है उससे उन्हें यकीन हो गया है कि सेबी अध्यक्ष भ्रष्ट है।
इस बीच कांग्रेस पार्टी ने बुछ के खिलाफ कुछ नये आरोप लगाए। कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दावा किया कि बुछ जब सेबी के निदेशक मंडल की पूर्णकालिक सदस्य थी उस समय भी उन्हें निजी क्षेत्र के बैंक आईसीआईसीआई बैक से नियमित रूप आय प्राप्त हो रही थी।