बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में पुलिस वर्दी पहन कर फर्जी सिपाही द्वारा महिला सिपाही से दुष्कर्म और लाखों रुपये की ठगी का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया है।
पुलिस अधीक्षक नगर राहुल भाटी ने मंगलवार अपराह्न प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि बरेली में कार्यरत महिला आरक्षी/पीड़िता ने 13 जुलाई को थाना कोतवाली पर मामला पंजीकृत कराया था। प्रभारी निरीक्षक कोतवाली ने वांछित अभियुक्त राजन वर्मा निवासी ग्राम मिदनिया गढी थाना कोतवाली सदर जनपद लखीमपुर खीरी को मंगलवार सुबह गिरफ्तार किया गया।
भाटी ने बताया कि अभियुक्त राजन वर्मा ने पूछताछ में बताया कि उसने अपने शहर लखीमपुर खीरी में पेठा बनाने की फैक्ट्री लगाई थी। वह अयोध्या में सप्लाई करता था। अयोध्या में अभियुक्त राजन वर्मा की मुलाकात सुनील गुप्ता नामक पुलिस वाले से हुई, जो अपने आपको एसओजी में कार्यरत बताता था।
वर्मा ने बताया कि उसे विश्वास में लेकर पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर पांच लाख रुपए लिये और वह सुनील गुप्ता के साथ रहने लगा। दो-तीन माह सुनील गुप्ता ने इसको वेतन के रुप में पैसा दिया, फिर इसको पैसा देना बन्द कर दिया, तब इसके द्वारा अयोध्या पुलिस में शिकायत की तो इसको कुछ पैसा वापस मिल गया। सुनील गुप्ता व अन्य पुलिसवालों साथ पुलिस लाइन में रहकर यह पुलिस के बारे में बहुत कुछ जान गया, तब इसने अपने आप को पुलिस में बताते हुए एक महिला आरक्षी से शादी कर ली।
महिला आरक्षी को पता चला कि यह आठवीं पास है और बेरोजगार है तो महिला आरक्षी ने दूरी बनानी शुरू कर दी। इसके बाद आरोपी ने पुलिस वेबसाइट से सजातीय नाम तलाश इस क्रम में अभियुक्त राजन वर्मा उपरोक्त द्वारा एक महिला आरक्षी जो बरेली में तैनात है, सम्पर्क में आया तथा अपने विश्वास में लेकर कि पुलिस में हूं तथा अविवाहित हूं एवं बरेली आकर शादी की बात करते हुए कई बार शारीरिक सम्बन्ध बनाए। महिला आरक्षी/पीड़िता को झांसे में लेकर छह लाख 30 हजार रुपए का पर्सनल लोन लखनऊ में प्लॉट लेने के लिए कराया, महिला आरक्षी से समय-समय पर अपनी समस्या बताकर पैसे लेता रहा।
बरेली पुलिस लाइन में रहने वाली महिला पुलिसकर्मी को जब उसकी हकीकत का पता चला तो उसने कोतवाली थाने में उसके विरुद्ध 13 जुलाई को रिपोर्ट दर्ज कराई तब पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने की कोशिश शुरू कर दी और मंगलवार सुबह गिरफ्तार कर जेल भेजा।