भीलवाड़ा/जयपुर। राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भीलवाड़ा शहर से निर्दलीय विधायक अशोक कोठारी की भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने पर सवाल उठाते हुए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को पत्र लिखकर विधायक की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की है।
जूली ने शुक्रवार को अपने बयान में आरोप लगाते हुए कहा कि देश और प्रदेश में भाजपा की सरकार नियमों की धज्जियां उड़ाने में मास्टर है। उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई तो विपक्ष सड़क और न्यायालय तक संवैधानिक लड़ाई लड़ेगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा सदस्य अभियान के तहत संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत दल परिवर्तन के आधार पर नियम 1985 के तहत विधिक प्रावधानों के विरुद्ध विधायक को सदस्यता दी गई है। उन्होंने कहा कि यह सदस्यता पूर्व विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी ने दिलाई है जिसका सोशल मीडिया पर भी बखान किया गया है वही विपक्ष की आलोचना के बाद विधायक द्वारा सोशल मीडिया से पोस्ट को हटा दिया गया।
जूली ने कहा कि दल बदल कानून के विरुद्ध जॉइनिंग कानून का खुला उल्लंघन है। उन्होंने श्री देवनानी को लिखे पत्र के साथ सदस्यता से जुड़े सबूत की प्रतियां भी संलग्न की है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में लिखा की भाजपा के सदस्यता अभियान के दौरान भीलवाड़ा शहर से चुने हुए निर्दलीय विधायक अशोक कोठारी ने संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत दल-बदल प्रावधानों के दायरे में आ गए हैं।
कोठारी ने दल-परिवर्तन के आधार पर निर्हरता नियम 1985 के तहत विधिक प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए भाजपा की सदस्यता ली है। कोठारी ने गत चार सितंबर को अपना सदस्यता प्रमाण-पत्र संख्या 5826 सोशल मीडिया पर शेयर किया है। विधायक ने खुद भाजपा की सदस्यता का प्रमाण भी शेयर किया है, इसके बाद कोई प्रमाण की आवश्यकता नहीं रह जाती है।
जूली ने पत्र में लिखा संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत दल-परिवर्तन के आधार पर निर्हरता नियम 1985 के पैरा संख्या-दो में साफ प्रावधान है, संसद या राज्य विधानमंडल के किसी निर्दलीय सदस्य की सदस्यता जाएगी, यदि वह अपने निर्वाचन के बाद किसी भी राजनीतिक दल में शामिल हो जाता है।