लखनऊ में इमारत हादसे में मरने वालों की संख्या बढकर आठ, 30 घायल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लखनऊ के सरोजनीनगर क्षेत्र में शनिवार शाम तीन मंजिला इमारत के मलबे में मिले तीन और शवों के मिलने के बाद मृतकों की संख्या बढ़ कर आठ हो गई है। हादसे में घायल 30 लोगों का उपचार विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।

हादसे की जांच के लिए रविवार को मुख्यमंत्री के निर्देश पर जांच कमेटी का गठन होने की संभावना है जिसके बाद तीन मंजिला इमारत के ढहने की वजह सामने आएगी और जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी। मंडलायुक्त रोशन जैकब के अनुसार मलबे में फंसे लोगों को निकालना प्रशासन की प्राथमिकता है। राहत एवं बचाव कार्य पूरा होने के बाद विशेषज्ञों की जांच कमेटी का गठन किया जाएगा।

पुलिस आयुक्त अमित वर्मा ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर में हुए हादसे में अब तक आठ लोगों की मृत्यु हुई है जबकि 30 घायल हुए हैं जिनका उपचार अलग अलग अस्पतालों में चल रहा है। इनमें से अधिकतर की हालत खतरे से बाहर है। मलबे में फंसे लोगों की तलाश फिलहाल जारी है मगर अब मलबे में किसी के फंसे होने की संभावना न के बराबर है।

उन्होंने कहा कि हादसे के कारणों की जांच के लिए विशेषज्ञों की कमेटी गठित की जाएगी और वह ही जांच के बाद हादसे की वजह की सटीक जानकारी दे सकेगी। वर्मा ने बताया कि घायलों का इलाज विशेषज्ञ डाक्टरों की देखरेख में किया जा रहा है और पुलिस एवं जिला प्रशासन के अधिकारी अस्पतालों में मौजूद हैं और पल पल की जानकारी शासन को उपलब्ध करा रहे हैं।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि मरने वालों में राज किशोर (27), रूद्व यादव (24), जगरूप सिंह (35), जसमीत सिंह साहनी (41), धीरज (48), पंकज तिवारी (40), अरुण सोनकर (28) और राजेश कुमार शामिल हैं।

राहत एवं बचाव कार्य में एनडीआरएफ,एसडीआरएफ के अलावा पुलिस, पीएसी के जवान जुटे हुए हैं। पूरी रात राहत एवं बचाव का काम जारी रहा। मलबे में फंसे लोगों की जानकारी के लिए सेंसर और ड्रोन की भी मदद ली गई।

गौरतलब है कि शनिवार शाम लगभग पौने पांच बजे ट्रांसपोर्टनगर में एक तीन मंजिला इमारत भरभरा कर ढह गई थी। इमारत में एक मोटर कंपनी के अलावा एक दवा कंपनी का गोदाम था। हादसे के समय इमारत में कई लोग काम कर रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की थी और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की थी।