बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में खुसरो कॉलेज में छात्रों से धोखाधड़ी कर फर्जी डी फार्मा डिग्री देने वाले ठग को पुलिस ने बुधवार शाम गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि डा विजय शर्मा फर्जी डिग्रियां बांटने के आरोप में फरार चल रहा था। उस पर पुलिस ने 25 हजार रुपए इनाम घोषित किया था। कॉलेज प्रबंधन ने करीब 400 छात्रों से लगभग तीन करोड़ 69 लाख 94 हज़ार रुपए फीस रूप में वसूले और उन्हें फर्जी डिग्रियां थमा दीं। छात्रों को यह तब पता चला जब उन्होंने जारी की गई डिग्रियों के आधार पर लाइसेंस प्राप्त करने और नौकरी के लिए आवेदन किया। फर्जी डॉक्टर विजय शर्मा के खिलाफ बरेली के थाना सीबीगंज में तीन मुकदमे दर्ज किए गए थे।
पुलिस अधीक्षक नगर मानुष पारीक ने बताया कि एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठन किया गया था। जांच में सामने आया कि खुसरो मेमोरियल पीजी कॉलेज प्रबंधन ने उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश, मदरहुड विश्वविद्यालय (रुड़की) और छत्रपति शिवाजी साहू महाराज विश्वविद्यालय (कानपुर) नाम से फर्जी डी फार्मा की डिग्रियां छात्रों को दीं और करोड़ों रुपए ठग लिए। इस धन का इस्तेमाल कॉलेज प्रबंधन ने करोड़ों रुपये की संपत्तियां बनाने में किया।
उन्होंने बताया एसआईटी और एसओजी (स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप) संयुक्त कार्रवाई कर तहत 25 हजार रुपए के इनामी अभियुक्त विजय शर्मा को गिरफ्तार किया गया। विजय शर्मा ने पूछताछ में बताया कि उसने कई संस्थानों के साथ मिलकर फर्जी डिग्रियां बनाईं और उन्हें बेचकर धन अर्जित किया। वह विभिन्न कॉलेजों को बी फार्मा और डी फार्मा की मान्यता दिलाने के नाम पर काम करता था। उसने करोड़ों की प्रॉपर्टी बनाई।
उसे बचपन से ही डॉक्टर बनने का शौक था। उस पर सीबीगंज थाने में धारा 420, 467, 468, 471, 506 और 120बी के तहत तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज हैं। शर्मा ने 2018 में बीएनवाईएस (बैचलर ऑफ नैचुरल पैथी योगा साइंस) का कोर्स किया और फिर आस्था कंसल्टेंसी नामक एक संस्था खोली, जो कॉलेजों को कमीशन बेस पर मान्यता दिलाने का काम करती थी। उसने कई संस्थानों को फर्जी डिग्रियां दिलाने में अहम भूमिका निभाई।