भरतपुर। राजस्थान में दौसा के बांदीकुई में बोरवेल के पास हुए गड्ढे में करीब 17 घंटे से फंसी दो साल की मासूम को राष्ट्रीय आपदा राहत टीम (एनडीआरएफ) ने सुरंग खोदकर बचा लिया।
बुधवार शाम पांच बजे गड्ढे में गिरी बालिका नीरू गुर्जर को गुरुवार सुबह करीब 10 बजे सुरक्षित बाहर निकाला गया। बच्ची को बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीमों ने लगातार 12 घंटे तक खुदाई की थी। इसके बाद आज सुबह एक पाइप के जरिए टीमें बच्ची तक पहुंची थीं। नीरू गुर्जर को जैसे ही टीमों ने बाहर निकाला पूरा एरिया वंदे मातरम के नारों से गूंज उठा। मासूम को बांदीकुई हॉस्पिटल ले जाया गया है। उसकी हालत फिलहाल ठीक बताई जा रही है।
बताया गया है कि यह हादसा कल शाम करीब पांच बजे जोधपुरिया गांव में हुआ। यहां खेत में खेलते हुए मासूम करीब 35 फीट गहरे गड्ढे में गिर गई थी। रात दो बजे तक एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने गड्ढे से बच्ची को बाहर निकालने के लिए देसी जुगाड़ एंगल सिस्टम का उपयोग किया लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।
इसके बाद लालसोट से आई टीम ने रात दो बजे से सुबह पांच बजे तक लगभग 10 बार एंगल सिस्टम का इस्तेमाल करके बच्ची को गड्ढे से निकालने की कोशिश की लेकिन फिर भी वे सफल नहीं हो पाए।
रात तीन बजे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान लालसोट से आई टीम ने बच्ची को बाहर निकालने के लिए बोरवेल के पास गड्ढे में एंगल डाला। बच्ची ने एक बार हाथ फंसाया लेकिन जब टीम ने उसे निकालने का प्रयास किया तो उसने तुरंत अपना हाथ बाहर निकाल लिया। बुधवार रात से गुरुवार सुबह सात बजे तक 12 बार प्रयास किए गए लेकिन सफलता नहीं मिली। अंतिम प्रयास गुरुवार सुबह नौ बजे शुरू हुआ था। उसके बाद बच्ची को बाहर निकाला गया।
इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन में पिट खुदाई का काम करने बाले प्राइवेट लेबर के पांच लोगों कैलाश, पवन कुमार, रामोतार, मानसिंह प्रजापत एवं छोटे लाल प्रजापत ने मोर्चा संभाला था। तीन फीट चौड़ी पाइप में जोखिम के बीच खुदाई कर इन्होंने मासूम बच्ची को बोरबेल से निकालने में सफलता हासिल की।