नई दिल्ली। मजबूत घरेलू मांग, बेहतर कारोबारी माहौल, और दूरदर्शी नीति पहलों के कारण भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है और जैसे-जैसे भारत आजादी के 100 साल की ओर बढ़ रहा है, रियल एस्टेट देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस विकास के साथ, फिलहाल एक लाख करोड़ डॉलर से कम का रियल एस्टेट बाजार 2047 तक 10 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच सकता है जो देश की जीडीपी का 14 से 20 प्रतिशत तक का हिस्सा होगा।
रियल एस्टेट में दीर्घकालिक विकास के पीछे छह प्रमुख कारक तेजी से बढ़ता शहरीकरण, इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार, डिजिटलीकरण, जनसांख्यिकीय बदलाव, स्थिरता और निवेश में विविधीकरण हैं। ये सभी 2047 तक भारतीय रियल एस्टेट को एक बड़ा उछाल देंगे।
कोलियर्स द्वारा कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के सहयोग से जारी की गई नवीनतम रिपोर्ट इंडियन रियल एस्टेट: द क्वांटम लीप में अगले कुछ दशकों में रियल एस्टेट और भारत की आर्थिक विकास यात्रा के बीच संबंध को समझने की कोशिश की गई है। इस रिपोर्ट को सिडनी में क्रेडाई नैटकॉन कार्यक्रम में जारी किया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह लंबी छलांग कई रियल एस्टेट हॉटस्पॉट का निर्माण करेगी।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि आने वाले समय में रियल एस्टेट में कई नए हॉटस्पॉट बनेंगे। 2047 तक, रियल एस्टेट के अलग-अलग सेगमेंट तेजी से विकसित होंगे और अपने-अपने स्तर पर परिपक्व होते रहेंगे। ऑफिस और आवासीय संपत्ति जैसे प्रमुख सेगमेंट और भी अधिक परिपक्व होंगे, जबकि डेटा सेंटर और सीनियर लिविंग जैसी वैकल्पिक संपत्तियों में तेजी से विकास होने की संभावना है। खासकर इंडस्ट्रीयल और वेयरहाउसिंग सेक्टर में बाजार का एकीकरण, उचित मूल्य निर्धारण और संस्थागत निवेश में वृद्धि देखने को मिलेगी।
बदलती जनसांख्यिकी और बढ़ते शहरीकरण से आने वाले समय में रियल एस्टेट की मांग मज़बूत होगी। इसके साथ ही, 2050 तक भारत की आधी आबादी शहरों में रहने लगेगी। तेजी से हो रहे शहरीकरण और इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के साथ, रोजगार के बेहतर अवसर मिलने से रियल एस्टेट का आकर्षण बड़े शहरों से आगे बढ़कर छोटे शहरों और कस्बों तक पहुंचेगा, जिससे इन इलाकों में छोटे-छोटे विकास केंद्र बनेंगे। देश के प्रमुख शहरों और टियर 2 और 3 शहरों के आस-पास के क्षेत्रों में विशेष रूप से रियल एस्टेट में तेजी देखने को मिलेगी।
जनसांख्यिकी में बदलाव से रियल एस्टेट गतिविधियों, खासकर आवास और रिटेल सेगमेंट में बढ़ोतरी होगी। अगले कुछ दशकों में, खासतौर पर पहली बार घर खरीदने वालों की संख्या बढ़ने के साथ, आवासीय संपत्तियों की मांग में तेजी आने की उम्मीद है। इसके अलावा, वृद्ध लोगों की बढ़ती संख्या से सीनियर लिविंग बाजार में भी निवेश की संभावनाएं बढ़ेंगी।
क्रेडाई नेशनल के प्रेसिडेंट बोमन ईरानी ने कहा कि तेजी से हो रहे शहरीकरण, बढ़ती औसत आयु और तकनीकी प्रगति जैसे कई कारकों के साथ हम एक नए विकास और विविधता के युग में प्रवेश कर रहे हैं। 2047 तक, भारत की लगभग 50 प्रतिशत आबादी शहरों में रहेगी, जिससे आवासीय, ऑफिस, और रिटेल स्पेस की मांग में जबरदस्त वृद्धि होगी। साथ ही, सीनियर लिविंग, को-लिविंग, और डेटा सेंटर जैसे नए क्षेत्रों में भी तेजी से बढ़ोतरी होगी।
यह बदलाव लोगों की पसंद और हमारी जिंदगी में तकनीक के बढ़ते उपयोग के कारण हो रहा है, जिसमें स्थिरता और ऊर्जा दक्षता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जो भविष्य में विकास के लिए एक मानक बनेगा। भारत की इस प्रगति के साथ, रियल एस्टेट क्षेत्र निवेश को आकर्षित करने, पारदर्शिता बनाए रखने, उचित मूल्य निर्धारण और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने का काम करता रहेगा। एक प्रमुख इंडस्ट्री संगठन के रूप में, क्रेडाई विभिन्न साझेदारों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा कि आने वाले दशकों में भारतीय रियल एस्टेट का विकास निरंतर और पर्यावरण के अनुकूल हो।
क्रेडाई नेशनल के चेयरमैन मनोज गौड़ ने कहा कि भारत ने 10 लाख करोड़ डॉलर का रियल एस्टेट बाजार बनने का लक्ष्य रखा है, जो इस क्षेत्र की मजबूत क्षमता और नवाचार की ताकत को दर्शाता है। रेरा और आरईआईटी जैसे बड़े सुधारों ने पारदर्शिता बढ़ाई है, निवेशकों का भरोसा मजबूत किया है, और पूरे क्षेत्र में कामकाज को सुगम बनाया है। प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) और गति शक्ति जैसे अहम सरकारी कार्यक्रमों के साथ, ये सुधार रियल एस्टेट के निरंतर विकास के लिए अनुकूल माहौल बना रहे हैं।
किफायती आवास, इंफ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण और औद्योगिक गलियारों पर सरकार का ध्यान, शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में बदलाव ला रहा है, जिससे पारंपरिक केंद्रों के बाहर भी विकास को बढ़ावा मिला है। इस बदलाव ने डेवलपर्स, निवेशकों और घर खरीदने वालों के लिए बेहतरीन अवसर पैदा किए हैं। आगे बढ़ते हुए रियल एस्टेट रोजगार के नए मौके, आर्थिक वृद्धि और टिकाऊ शहरीकरण को बढ़ावा देगा, और भारत की आर्थिक विकास की कहानी में एक अहम भूमिका निभाएगा।
कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बादल याज्ञनिक ने कहा कि भारत के अधिकांश आर्थिक क्षेत्रों के विस्तार के साथ, रियल एस्टेट ‘लंबी छलांग’ के लिए तैयार है, जिसमें तेजी से विकास के कई अवसर सामने आएंगे। अनुकूल जनसांख्यिकी और शहरीकरण के रुझान से 2047 तक 100 से अधिक बड़े शहर (जिनकी आबादी 10 लाख से ज्यादा होगी) उभर सकते हैं। इससे देशभर में कई नए रियल एस्टेट हॉटस्पॉट बनने में मदद मिलेगी। खासकर आवासीय, ऑफिस और रिटेल क्षेत्रों के अगले कुछ दशकों में तेजी से विकसित होने की उम्मीद है, जिससे निवेशकों, डेवलपर्स और कारोबारियों के लिए काफी अवसर पैदा होंगे।