जम्मू/श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 26 सीटों पर बुधवार शाम छह बजे मतदान समाप्त हो गया और इस दौरान औसतन 54.18 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें सर्वाधिक वोट श्री माता वैष्णो देवी सीट पर डाले गए।
चुनाव आयोग के मुताबिक आज दूसरे चरण में छह जिलों राजौरी, पुंछ, रियासी, गंदेरबल, श्रीनगर और बड़गाम के 26 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हुआ। श्री माता वैष्णो देवी सीट पर सबसे अधिक 75.29 प्रतिशत मतदान हुआ और हब्बाकदल में सबसे कम 15.80 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले।
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक बीरवाह में 62.50, बडगाम में 47.18, बुढाल (सुरक्षित) में 66.95, सेंट्रल शालटेंग में 29.09, चदूरा में 54.16, चन्नापोरा में 26.95, चरार-ए-शरीफ में 66.00, ईदगाह में 34.65, गंदेरबल में 53.44, गुलाबगढ़ (सुरक्षित) में 72.19, हजरतबल में 32.35, कलाकोटे-सुंदरबनी में 66.37, कंगन (सु) में 67.60, खानसाहिब में 67.70, खानयार में 24.00, लाल चौक में 30.44, मेंढर (सु) में 69.67, नौशेरा में 69.00, पुंछ-हवेली में 72.71, राजौरी (सु) में 70.56, रियासी में 69.09, सूरनकोट (सुर) में 72.18, थन्नामंडी (सु) में 68.44 और जेदीबल में 28.36 प्रतिशत औसतन मतदान हुआ।
बडगाम में उमर अब्दुल्ला का मुकाबला पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के आगा सैयद मुंतजिर से है, जो नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) नेता एवं सांसद रूल्ला मेहदी के चचेरे भाई हैं। नौशेरा सीट से चुनाव लड़ रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख रविंदर रैना की किस्मत का फैसला भी इसी चरण में होगा। भाजपा प्रमुख को विधान परिषद के पूर्व सदस्य सुरिंदर चौधरी से कड़ी चुनौती मिल रही है, जिन्होंने नेकां के टिकट पर चुनाव लड़ा है।
अन्य प्रमुख उम्मीदवार जिनके भाग्य का फैसला दूसरे चरण में हुआ है, उनमें सेंट्रल-शालटेंग से कांग्रेस जम्मू-कश्मीर अध्यक्ष तारिक कर्रा, चन्नापोरा से अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी, गंदेरबल और बीरवा से जेल में बंद मौलवी एवं अलगाववादी नेता सरजन अहमद वागे, खानयार से नेकां नेता अली मोहम्मद सागर, चरार-ए-शरीफ से रहीम राथर, लाल चौक से भाजपा नेता ऐजाज हुसैन, बुढाल से चौधरी जुल्फिकार और सूरनकोट से सैयद मुश्ताक बुखारी शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर के 26 विधानसभा क्षेत्रों में 3,500 मतदान केंद्रों पर 13,000 से ज़्यादा मतदान कर्मचारी तैनात किये गये हैं। हर मतदान केंद्र पर बहु-स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है, ताकि भयमुक्त माहौल में मतदान सुनिश्चित हो सके। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव करीब एक दशक बाद हो रहे हैं। पहला चरण 18 सितंबर को हुआ था, जिसमें 61 प्रतिशत से ज़्यादा मतदान हुआ था और आखिरी चरण का मतदान एक अक्टूबर को होना है। मतगणना आठ अक्टूबर को होगी और पूरी चुनाव प्रक्रिया 10 अक्टूबर तक संपन्न हो जाएगी।