श्री अन्न को बढ़ावा मिलने से देश की अर्थव्यवस्था को मिलेगी ताकत : भागीरथ चौधरी

जयपुर। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने राजस्थान को देश में बाजरा, जौ, मक्का जैसे मोटे अनाज (श्री अन्न) के उत्पादन में अग्रणी बताते हुए कहा है कि श्री अन्न के कई फायदे हैं और इससे विशेषकर छोटे किसानों को बहुत लाभ हैं वहीं इनकी आय बढ़ने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।

चौधरी ने शुक्रवार को जयपुर में फिक्की द्वारा आयोजित राजस्थान मिलेट्स (मोटा अनाज) कॉन्क्लेव-2024 के दूसरे संस्करण में सम्मिलित होकर यह बात कही। कार्यक्रम की थीम देश के मिलेट्स हब के रूप में उभरता हुआ राजस्थान विषय पर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में केंद्र सरकार और प्रदेश की भजनलाल सरकार बड़े पैमाने पर श्री अन्न को बढ़ावा दे रही है।

उन्होंने कहा कि बाजरा हमारे कृषि एवं भौगोलिक परिदृश्य के अनुरूप आशाजनक भविष्य का प्रतीक है। इसमें बेहतर स्वास्थ्य के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनाने वाले आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसी के तहत 2023 को इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर के रूप में मनाते हुए इसे बढ़ावा दिया गया। उन्होंने कहा कि श्री अन्न के फायदे ही फायदे हैं, विशेषकर हमारे छोटे किसानों को इससे बहुत लाभ हैं। श्री अन्न से उनकी आय बढ़ने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को ताकत मिलेगी।

चौधरी ने श्री अन्न को बढ़ावा देना छोटे किसानों के लिए वरदान बताते हुए कहा कि श्री अन्न का सेवन स्वस्थ रहने का माध्यम है। श्री अन्न पोषकता से परिपूर्ण है, जिसे उगाने में किसानों को लागत कम आती है, इसके लिए फर्टिलाइजर की जरूरत नहीं पड़ती, कम बारिश में भी इसकी खेती आसानी से हो सकती है। छोटे किसानों की आमदनी बढ़ाने, लोगों को स्वस्थ रखने एवं देश-दुनिया में, भोजन की थाली में श्री अन्न को सम्मानजनक स्थान दिलाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से वैश्विक मंच पर प्रस्ताव रखा, जिसका 72 देशों ने समर्थन किया और यूएन ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया।

उन्होंने कहा कि मोदी के मार्गदर्शन में श्री अन्न की महत्ता का प्रसार हो रहा है। श्री अन्न से एग्री स्टार्टअप्स बढ़ने के साथ रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो रही है। उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ने के साथ ही प्रोसेसिंग एवं निर्यात भी बढ़ेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।