जयपुर। राजस्थान के कृषि मंत्री डा किरोड़ी लाल मीणा ने कहा है कि वक्फ संशोधित बिल-2024 को लेकर मुस्लिम समाज के कुछ नेता देश में मुस्लमानों को भड़का रहे है और उन्हें हिंसा पर उतारू होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
मीणा ने सोमवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में यह आरोप लगाते हुए कहा कि इस बिल का मुस्लिम समाज के कुछ नेताओं द्वारा विरोध किया जा रहा है जिसकी अगुवाई ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव फजल उर रहीम सबसे बड़े पेरोकार बनकर देश में मुस्लमानों को भड़का रहे है तथा उन्हें हिंसा पर उतारू कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि रहीम ने इस दृष्टि से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद एनसीपी नेता शरद पवार, सहित अनेक लोगों से मिलकर नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है तथा इनके द्वारा देश भर में क्यूआर कोड के माध्यम से आम मुस्लमानों को भड़काया जा रहा है, जिससे देश में अशांति एवं अस्थिरता फैल जाए।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि रहीम ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वक्फ, ट्रस्ट एवं मंदिरों की जमीन को अपनी निजी जागीर मानकर बेच दिया है इनके निजी ट्रस्टों में देश-विदेश से विशेषकर खाड़ी देशों से अवैध धन प्राप्त कर उसे देश विरोधी गतिविधियों में लगाया जा रहा है। मीणा ने आरोप लगाया कि रहीम कांग्रेस के इशारे पर देश में महौल बिगाड़ने पर उतारू है इनकी बेटी सुल्ताना जयपुर महिला कांग्रेस की महासचिव एवं इनका दामाद मोहम्मद शोएब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का सदस्य है, इससे स्पष्ट है कि इनके कांग्रेस से गहरे रिश्ते हैं।
उन्होंने कहा कि रहीम के भाई जिया उर रहीम फर्जी एवं कूट रचित दस्तावेज बनाकर वक्फ प्रोपर्टीज को बेच रहे हैं और दोनों भाइयों ने वर्ष 2005 से फर्जी इकरारनामों के जरिए जामिया हिदायत ट्रस्ट जयपुर एवं मौलाना अब्दुल रहीम एजुकेशनल ट्रस्ट की जयपुर एवं अहमदाबाद में स्थित 18 से 20 बीघा भूमि करोडों रूपए में बेचान कर इन भूमियों पर समुदाय विशेष की अवैध कॉलोनियां बसा दी गई है तथा मुम्बई में आदिवासियों की जमीन को बेचकर करोड़ों रूपये अर्जित किए हैं।
इस सम्बन्ध में जमिया हिदायत ट्रस्ट की जमीनों के फर्जी दस्तावेजों से किए गए बेचान के सम्बन्ध में इन दोनों भाइयों एवं अन्य के विरूद्ध पुलिस थाना जयसिंहपुरा खोर जयपुर में वर्ष 2021 से 2024 तक चार एफआईआर दर्ज की गई है, ये सभी एफआईआर एक मुस्तगिस ने जरिए इस्तगासा दर्ज कराई, इससे लगता है कि इनका पुलिस पर जबरदस्त प्रभाव है।
मीणा ने कहा कि इनका हौंसला इतना बढ गया है कि उच्चत्तम न्ययालय के स्थगन के बावजूद इनके द्वारा जामिया हिदायत ट्रस्ट, वक्फ एवं सरकारी भूमि को बेच दिया गया। न्यायालय के यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश के बावजूद भी ग्राम किशनपुरा एवं आमेर में लगभग 900 बीघा राजकीय भूमि पर कब्जा कर उसे बेचकर धर्म विशेष के लोगों को बसा दिया गया है। यहीं नहीं ग्राम किशनपुरा एवं आमेर में राजस्थान पुलिस को आवंटित 500 बीघा भूमि पर धर्म विशेष के लागों ने अतिक्रमण कर कॉलोनियां बना दी गई जबकि हमारी पुलिस सो रही है।
उन्होंने कहा कि सुनियोजित रणनीति के तहत राजकीय भूमियों के साथ मंदिर माफी की भूमियों पर भी समुदाय विशेष की अवैध कॉलोनियों बसा दी गई जिनमें कामां नगर, अशरफ कॉलोनी, जामिया नगर, कबीर नगर, इबादत नगर, मदीना नगर, हिदायत नगर, कलाम नगर, रंगरेज सिटी, एम. के. विहार, डायमंड नगर एवं स्टार सिटी आदि शामिल है और इस क्षेत्र में अभी लगभग 40 मस्जिदें एवं 30 अवैध बूचड्खाने संचालित है। मीणा ने एक वीडियों दिखाते हुए कहा कि फजल उर रहीम इसमें यह कहते हुए नजर आ रहा है कि वह इस क्षेत्र में मुस्लिमों को इसलिए बसा रहा है कि हिन्दू आगे तक न आए।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इन दोनों भाइयों द्वारा कई अन्य निजी ट्रस्ट जैसे मौलाना अब्दुल रहीम एजुकेशनल ट्रस्ट एवं मूसा फाउण्डेशन ट्रस्ट बना रखे हैं इन ट्रस्टों एवं वक्फ के नाम पर यह करोड़ों रूपए विदेशों से प्राप्त कर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में सक्रिय है और एफसीआरए का उलंघन किया गया है। ट्रस्ट के नाम पर सम्पत्तियां खरीद कर उन सम्पत्तियों को निजी सम्पत्ति बताकर करोड़ों रूपए में बेचा जा रहा है। इन ट्रस्टों को ना तो वक्फ में दर्ज कराया जाता है और ना ही इनका पंजीयन लोक न्याय अधिनियम के तहत करा जाता है, क्योंकि पंजीयन के पश्चात ट्रस्ट की सम्पत्तियों का अवैध बेचान नहीं हो पाता।
उन्होंने कहा कि फजल उर रहीम जो वक्फ सहित मंदिर, ट्रस्ट एवं आदिवासियों की जमीन को बेचकर राष्ट्र विरोधी कार्यों में लिप्त है वहीं एक संगठित गिरोह बनाकर वक्फ संशोधित बिल का विरोध कर रहा है ताकि उसके करोडों की दौलत को बचाया जा सके। देश में ऐसे सैकड़ों मुस्लिम नेता है जिन्होने वक्फ की प्रोपर्टी का बेचान किया है जो गैर कानूनी है। इसलिए ये वक्फ संशोधन बिल का विरोध कर रहे है।
मीणा ने कहा कि वह इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री से मिलेंगे और इस संबंध में दस्तावेज देकर इसके जांच की मांग करेंगे। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि राजकीय सम्पत्तियों पर अवैध कब्जा करने, वक्फ एवं ट्रस्ट सम्पत्तियों का अवैध बेचान करने, मंदिर माफी की जमीन पर समुदाय विशेष के लोगों को बसाकर क्षेत्र की डेमोग्राफी परिवर्तित की जाकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडने एवं सुप्रीमकोर्ट एवं हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने वाले फजल उर रहीम एवं जिया उर रहीम के विरूद्ध अविलम्ब कठोर कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस समस्त प्रकरण की जांच प्रवर्तन निदेशालय/सीबीआई/एनआईए/एसओजी से कराई जानी चाहिए ताकि देश में उन्माद फैलाने वालों को सबक मिल सके। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से भी मिलेंगे।