आबूरोड शहर पर भारी संस्थान का VIP विजिट का शौक, रूट सेनेटाइजेशन में फंसे सैकड़ों लोग

राष्ट्रपति के आबूरोड आगमन से एक दिन पहले की गई मॉक ड्रिल में मानपुर चौराहे ट्राफिक फंसे लोग।

सबगुरू न्यूज-आबूरोड। आध्यात्मिक संगठन का चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था वाले बड़े वीआईपीयों को अपने संस्थान में बुलवाने का शौक़ अब आबूरोड शहर के हजारों लोगों पर भारी पड़ने लगा है। इनके यहां होने वाली वीआईपी विजिटिंग का शहर को कुछ फायदा मिले या नहीं मिले, लेकिन, लोगों के रोजगार, आवाजाही और दैनिक दिनचर्या जबरदस्त तरीके से प्रभावित होने लगी है।

राष्ट्रपति पद संभालने के बाद द्रोपदी मुर्मू का गुरुवार को आबूरोड के ब्रह्माकुमारी में दूसरा दौरा है, इससे पहले उप राष्ट्रपति और प्रधानमन्त्री भी यहां आ चुके हैं। इन वीआईपी दौरों के लिए हवाई पट्टी से लेकर तलहटी स्थित संस्थान के मुख्यालय तक की हर गली को बंद कर दिया जाता है। शहर के हज़ारों लोगों की बाड़ाबंदी हो जाती है जिससे वो इसमें कसमसाते रहते हैं। संस्थान द्वारा वीआईपी को बुलवाने से आबूरोड शहर को फायदा तो कुछ नहीं होता लेकिन वीआईपी की आवाजाही के लिए होने वाली बेरिकेडिंग की कैद घंटों झेलनी पड़ती है।

राष्ट्रपति के आगमन से पूर्व की गई मॉक ड्रिल के दौरान आकरा भट्टा हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की सड़क पर बेरीकेटिंग करके रोके गए कॉलोनी वासी।

साढ़े पांच बजे मॉक ड्रिल

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का गुरुवार को आबूरोड आएंगी। वो शुक्रवार को तलहटी परिसर में संस्थान के कार्यक्रम का उदघाटन करेंगी। इसी को लेकर मानपुर हवाई पट्टी से लेकर शान्तिवन तक के उनके रूट पर राष्ट्रपति कारगेट को निकालने की मॉक ड्रिल की गई। इस दौरान मानपुर हवाई पट्टी से तलहटी तक के पूरे रास्ते को सेनेटाइज करने के लिए साढ़े पांच बजे ही ट्राफिक रोक दिया गया। मानपुर से शांतिवन जाने वाले मार्ग पर खुलने वाली कालोनियों की हर गली को बेरिकेडिंग से बंद कर दिया गया। इसमे हज़ारों लोग फंस गए।

किसी को ट्यूशन से घर जाना था, किसी को घर से ट्यूशन, कोई पानी के टैंकर की लिए फंसा पड़ा था तो कोई दवाई लेने जाने के लिए। हर उम्र और हर लिंग का व्यक्ति इस बाड़ेबंदी से बाहर नहीं निकल पाया। सबके घर वाले घरों पर परेशान थे तो जो बाड़े बंदी में फंसे थे वो बाहर। करीब एक घंटे तक ये बाड़ा बंदी रही। इस दौरान लोगों का गुस्सा फूटता चला गया। बाड़ेबंदी में फंसा कोई व्यक्ति संस्थान को कोस रहा था या तो कोई अपने टैक्स के पैसे की बर्बादी पर व्यथित था।

आबूरोड में नदी और पहाड़ी के बीच से निकला हवाई पट्टी से तलहटी तक जाने वाला एकमात्र रास्ता।

 एक मात्र रास्ता

वीआईपी सुरक्षा का अपना प्रोटोकॉल है। राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की जेड प्लस सुरक्षा केटेगरी है। राज्यपाल और मुख्यमंत्री की सुरक्षा का विशेष प्रोटोकॉल है। प्रशासन को उसकी पालना करनी होती है। इनके निकलने वाले पूरे रास्ते को सेनेटाइज यानि ट्रैफिक फ्री किया जाना होता है। आबूरोड शहर के मानपुर हवाई पट्टी से लेकर तलहटी स्थित संस्थान तक जाने का एक मात्र रास्ता है। इस रास्ते पर कई कालोनियों में हज़ारों लोग रहते हैं।

इस रास्ते के एक तरफ नदी और दूसरी तरफ पहाड़ियां होने से इन सभी कालोनियों के एंट्री और एग्जिट इसी मुख्य मार्ग पर होती है। ऐसे में वीआईपी मूवमेंट के दो घंटे पहले और आधे घण्टे बाद तक पूरे रास्ते को ट्रैफिक फ्री करने के लिए हर गली को बंद किया जाता है। ये तब होता है जबकि वीआईपी को संस्थान में रुकना हो। यदि उन्हें कार्यक्रम के बाद तुरंत लौटना है तो उनके हवाई पट्टी पर फिर पहुंचने तक रास्ते को सेनेटाइज रखा जाता है और किसी की भी आवाजाही नहीं होने दी जाती।

ये समय 3 घण्टे या ज्यादा भी हो सकता है। ऐसे में एक आध्यात्मिक संस्थान के वीआईपी ग्लैमर का शौक़ आबूरोड के लोगों पर भारी पड़ने लगा है। इसके अलावा ये रास्ता माउंट आबू, रेवदर और गुजरात जाने वाला मुख्य मार्ग है। ऐसे में इधर से आने और जाने वाले सैकड़ों वाहन भी इस लॉक डाउन में फंसते हैं। यदि वीआईपी मूवमेंट के दौरान संस्थान स्वयं के खर्चे से या सरकार से एक अलग मार्ग बनवा सके तो आबूरोड के हज़ारों स्थानीय लोगों और पर्यटकों को वीआईपी मूवमेंट के दौरान मिलने वाली प्रताड़ना कम हो सकती है।

प्रशासनिक मशीनरी और दैनिक मजदूर भी परेशान

एक दशक पहले यहां वीआईपी मूवमेंट कम थी। लेकिन पिछले कुछ अर्से से इसमें बढ़ौतरी हुई है। इससे प्रशासनिक मशीनरी को भी ऐसे रिमोट इलाके में व्यवस्थाएं करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जेड प्लस सिक्योरिटी के नेताओं के आने पर तो उनके मूवमेंट के इलाकों का तो सुरक्षा का पूरा प्रशासनिक नियंत्रण जिले और सम्भाग के अधिकारियों से छिनकर इन वीआईपी की सिक्योरिटी टीम के पास चला जाता है।

राष्ट्रपति के दौरे से पूर्व बुधवार को उनके निकलने वाले मार्ग पर ऑटो से अनाउंसमेंट भी हो रहा है। इसके द्वारा दुकानदारों और स्थानीय नागरिकों से राष्ट्रपति के आवागमन के मार्ग पर 3 और 4 अक्टूबर को कोई सामान, होर्डिंग, लारी आदि सड़क पर नहीं लगाने की सूचना प्रसारित की जा रही है। ऐसा करने पर नगर पालिका द्वारा कार्रवाई किए जाने की चेतावनी भी दी जा रही है।

राष्ट्रपति का आगमन के लिए आबूरोड में मानपुर चौराहे पर हटाए गए डेली रोजगार करने वाले लोग।

इस सूचना की अक्षरशः पालना होती है तो संस्थान के पंप एंड शो के कारण कई लारी और ठेले वालों को दो दिनों तक रोजगार से भी महरूम रहना होगा। विडिओ कान्फ्रेंस के जमाने में वीआईपी की फिजिकल विजिट से कार्यक्रम उदघाटन की कीमत रोजगार पर मार और लॉकडाउन के रुप में आबूरोड के लोगों को ज्यादा चुकानी पड़ती है।

गुरुवार को भी शाम साढ़े चार से शाम छह बजे तक और शुक्रवार को सुबह 9.30 से 11 बजे तक मानपुर हवाई पट्टी से लेकर तलहटी तक के मार्ग पर यातायात बंद रहने की एडवाइजरी जारी के दी गई है। ऐसे में इस दौरान भी इन कालोनियों के लोगों को कॉलोनियों में कैद होना होगा।