पाली। अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान, कल्पवृक्ष साहित्य सेवा संस्थान एवं वंदेमातरम् शिक्षण समूह पाली के संयुक्त तत्वावधान में पं. विष्णुप्रसाद चतुर्वेदी समृति द्वितीय राष्ट्रीय व्याख्यानमाला एवं साहित्यकार सम्मान समारोह अखिल भारतीय संत समिति राष्ट्रीय सचिव जगतगुरु विजयराम रावलद्वारा पीठाधीश्वर जगद्गुरु वेदेही वल्लभ देवाचार्य के सान्निध्य में भालेलाव रोड स्थित वंदेमातरम् एकेडमी में आयोजित हुई।
सूचना प्रसारण मंत्रालय भारतीय जन संचार संस्थान नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक प्रो.डा. संजय द्विवेदी, साहित्यकार डा.जितेंद्र कुमार सिंह संजय, कवयित्री डा. चारुशीला सिंह, राजेन्द्र सिंह भाटी, प्रो. डा.मंजू शर्मा, नूतनबाला कपिला, सहायक कलेक्टर ऋषि सुधांसु पााण्डेय, कोषाधिकारी हंसा राजपुरोहित, संरक्षिका शैल चतुर्वेदी, अधिवक्ता अशोक अरोड़ा, अरविंद मिश्रा, डा. अखिलानंद पाठक ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना डा. चारुशीला सिंह ने हे ज्ञान दाहिनी मां विज्ञानी हमको ये वर दो से व्याख्यानमाला शुभारंभ हुआ।
अध्यक्ष पवन पाण्डेय ने बताया किया अखिल भारतीय साहित्य परिषद् राजस्थान के अखिलानंद पाठक द्वारा उद्बोधन एवं संक्षिप्त भूमिका से हुआ। विज्ञान लेखक डा. हरिकृष्ण आर्य ने कहा कि पं. विष्णुप्रसाद जी का लेखन और कार्य क्षेत्र केवल पाली कभी नहीं रहा बल्कि संपूर्ण भारत और हर कोना रहा। अपने बाल्यकाल की स्मृति को साझा करते हुए चतुर्वेदी जी को एक मूर्धन्य लेखक एवं अतुलनीय मार्गदर्शक के रूप में उनके योगदान को दीर्घकालिक उपादेयपूर्ण चितन की संज्ञा दी।
मुख्य वक्ता प्रो. संजय द्विवेदी ने संबोधित करते हुए कहा कि साहित्य का मूल उद्देश्य ही लोक मंगल है। पिछले कुछ वर्षो में भारत अपनी जड़ों की तरफ वापसी कर रहा है। यह विचारों की घर वापसी है। सालोंसाल तक चले समाजतोड़क साहित्यिक अभियानों के बजाए समाज को जोड़ने वाले तथा भारतबोध कराने वाले साहित्य सृजन की आवश्यकता है। इससे भारत विकसित भारत बनेगा और अपने सपनों में रंग भरेगा। इस अवसर पर डा. केशव शर्मा, डा.रवीन्द्र कुमार उपाध्याय, डा. रामनारायण शर्मा, सीताराम जोशी, डा.अनंत नारायण सिंह, राजेश बोहरा, ताजवीर सिंह राठौड़, एसपी सिंह बाघेला, परमानंद भट्ट, सुदर्शन सिंह उदावत, शक्ति सिंह भाटी, विजयकृष्ण जोशी, ओम चतुर्वेदी, भंवर सिंह राठौड़ चोटिला सहित शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
पं. विष्णुप्रसाद चतुर्वेदी राष्ट्रीय साहित्य अलंकरण संस्कृत उपासक वयोश्रेष्ठ अखिल भारतीय साहित्य परिषद नई दिल्ली राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. सुशीलचंद्र त्रिवेदी मधुपेश, राष्ट्रीय मीडिया गुरु सम्मान सूचना प्रसारण मंत्रालय भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक प्रो. डा. संजय द्विवेदी, साहित्य रत्न सम्मान प्रबंधक राष्ट्रधर्म लखनऊ डा. पवन पुत्र बादल, सर्वश्रेष्ठ विज्ञान शिक्षक डा. हरिकृष्ण आर्य हनुमानगढ़, कथाकार सम्मान डा. फतेह सिंह भाटी अधीक्षक महात्मा गांधी अस्पताल जोधपुर, संस्कृति गौरव सम्मान डा.जितेन्द्रकुमार सिंह संजय मिर्जापुर, संस्कति रक्षा सम्मान महेन्द्र सिंह तंवर सहायक निदेशक महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध केन्द्र जोधपुर, संस्कृति शिक्षा सम्मान डाॅ. सौरभ मालवीय लखनऊ, काव्य सृजन सम्मान जोगेश्वर गर्ग विधानसभा सचेतक जयपुर, युवा लेखक सम्मान डा. शिवेश प्रताप स्तंभकार, लोकनीति विशेषज्ञ नई दिल्ली, शिक्षक सम्मान डाॅ. चारुशीला सिंह कवयित्री गोरखपुर, बाल साहित्य सम्मान आशा पाण्डेय ओझा उदयपुर, मानस मर्मज्ञ सम्मान डा. रामनारायण शर्मा श्रीगंगानगर, काव्य चेतना सम्मान डा. परमानंद भट्ट जालोर, साहित्य मर्मज्ञ सम्मान कवि प्रमोद श्रीमाली जयपुर, काव्य कला सम्मान डाॅ. गोरधन सिंह सोढ़ा जहरीला बाड़मेर, काव्य लेखन डा.तरुण राय कागा पूर्व विधायक चौहटन, बाल साहित्य सृजन चांद मोहम्मद घोसी कार्टूनिस्ट मेड़ता सिटी को प्रदान किया गया।