जम्मू/श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में 10 वर्षों के बाद और अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव के परिणाम में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने मंगलवार को कुल 90 सीटों में से 48 पर जीत दर्ज की और बहुमत हासिल किया। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर में गठबंधन सरकार के अगले मुख्यमंत्री होंगे, इसकी घोषणा आज नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने की।
उल्लेखनीय है कि 2014 में भाजपा ने 25 सीटें जीती थी और अपनी पिछली संख्या में सुधार करते हुए, उसने जम्मू क्षेत्र की 43 सीटों में से 29 सीटें जीतीं। गौरतलब है कि 2014 में भाजपा ने पीडीपी के साथ गठबंधन की सरकार बनाई थी। नेकां-कांग्रेस गठबंधन ने इस बार के चुनाव में जीत दर्ज की और अपने दम पर बहुमत प्राप्त कर तीन दशक पुरानी परंपरा को तोड़ दिया।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 90 सीटों में से, नेकां-कांग्रेस गठबंधन ने 48 सीटें (नेकां 42 और कांग्रेस 6) जीतीं और बहुमत के 46 आंकड़े को पार कर लिया, जबकि भाजपा ने 29 (सभी जम्मू क्षेत्र से), पीडीपी ने तीन सीटें जीतीं। निर्दलीयों ने सात सीटें जीतीं और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और आम आदमी पार्टी (आप) ने एक-एक सीट पर कब्जा किया।
राजनीतिक विश्लेषकों को गलत साबित करते हुए आप उम्मीदवार मेहराज मलिक ने डोडा निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया क्योंकि उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के गजय सिंह राणा को 4538 मतों के अंतर से हराया।
एक ओर जब आप पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में अपनी पहली सीट जीती, इसके विपरीत, दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर में भाजपा के दिग्गज उम्मीदवार और पार्टी प्रमुख रविंदर रैना अपने गृहनगर नौशेरा निर्वाचन क्षेत्र से एनसी के सुरिंदर चौधरी से हार गए और भाजपा के वरिष्ठ नेता विबोध गुप्ता राजौरी में कांग्रेस उम्मीदवार से अपनी सीट हार गए।
इसी तरह कांग्रेस के प्रमुख उम्मीदवार, पूर्व मंत्री रमन भल्ला भाजपा के विक्रम रंधावा से बाहु निर्वाचन क्षेत्र में हार गए, पूर्व मंत्री मनोहर लाल शर्मा बिलावर निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के सतीश शर्मा से हार गए और पूर्व मंत्री और फायरब्रांड नेता चौधरी लाल सिंह को बसोहली निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के दर्शन कुमार से हार का सामना करना पड़ा।
भाजपा उम्मीदवार सुनील शर्मा ने पैडर-नागसेनी विधानसभा क्षेत्र से नेशनल कॉन्फ्रेंस की पूजा ठाकुर के खिलाफ 1,445 वोटों के मामूली अंतर से जीत दर्ज की, वहीं सांबा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के पूर्व मंत्री सुरजीत सिंह सलाथिया ने स्वतंत्र उम्मीदवार रविंदर सिंह के खिलाफ आसान जीत दर्ज की, सुचेतगढ़ में भाजपा के घारू राम ने कांग्रेस के भूषण लाल डोगरा को हराकर जीत प्राप्त की।
जम्मू पश्चिम में भाजपा के अरविंद गुप्ता ने कांग्रेस के मनमोहन सिंह को शिकस्त दी, पूर्व मंत्री और भाजपा उम्मीदवार डॉ. देविंदर कुमार मन्याल ने कांग्रेस के यशपाल कुनाडा को हराकर रामगढ़ से जीत दर्ज की। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर चुनाव में एकमात्र भाजपा महिला उम्मीदवार शगुन परिहार ने किश्तवाड़ विधानसभा सीट जीती, उन्होंने अनुभवी नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) नेता और पूर्व मंत्री सज्जाद अहमद किचलू को 521 वोटों के मामूली अंतर से हराया।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के बागी सतीश शर्मा सहित कम से कम पांच स्वतंत्र उम्मीदवारों (जम्मू क्षेत्र से) ने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से जीत हासिल की। अनुभवी राजनेता फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व में, नेकां ने 42 सीटें प्राप्त कीं, जिनमें कश्मीर क्षेत्र से 35 सींटें और शेष जम्मू क्षेत्र की सीटें हैं। कश्मीर घाटी में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था। नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बडगाम और गांदरबल से चुनाव लड़ा और दोनों सीटों पर जीत दर्ज की।
चुनाव के परिणामों पर टिप्पणी करते हुए नेकां प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह परिणाम केंद्र सरकार के 5 अगस्त, 2019 के निर्णय की स्पष्ट अस्वीकृति को दर्शाता है, जिसने जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को निरस्त कर दिया था। उन्होंने यह भी घोषणा की कि उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर में गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री होंगे।