अजमेर। एसपीसी गवर्नमेंट कॉलेज के वाणिज्य संकाय और प्रबंधन अध्ययन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से प्रतिभूति बाजार और वित्तीय स्वkस्थ्य का परिचय विषय पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला के उदघाटन सत्र में मुख्य अतिथि कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. वन्दना रंगा रही। इस कार्यशाला का उद्देश्य वित्तीय साक्षरता और जागरूकता को बढ़ावा देना था, जिसमें विशेषज्ञ वक्ताओं, संकाय सदस्यों और 146 प्रतिभागियों ने भाग लेकर गहन ज्ञान प्राप्त किया।
कार्यशाला के प्रथम तकनीकी सत्र के मुख्य वक्ता प्रैक्टिसिंग चार्टर्ड अकाउंटेंट सक्षम जैन ने वित्तीय बाजारों में व्यापक अनुभव के आधार पर प्रतिभूति बाजारों की जटिलताओं पर गहराई से चर्चा की। उन्होंने स्टॉक, बॉन्ड्स, म्यूचुअल फंड्स और डेरिवेटिव्स जैसे विभिन्न वित्तीय उपकरणों को विस्तार से समझाया।
विशेष रूप से छात्रों और युवा पेशेवरों के लिए, जो प्रतिभूतियों के व्यापार और निवेश प्रबंधन के सिद्धांतों को कठिन समझ सकते हैं, उनकी यह व्याख्या अत्यधिक उपयोगी रही। जैन ने व्यक्तिगत वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता के आधार पर निवेश रणनीतियों के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने दीर्घकालिक और अल्पकालिक निवेश विकल्पों पर चर्चा की, यह समझाते हुए कि कैसे ये दोनों दृष्टिकोण धन संचय और वित्तीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने विविधीकरण की अवधारणा को विस्तार से समझाया, जिसमें विभिन्न परिसंपत्तियों में निवेश को फैलाकर जोखिम को कम करने की रणनीति शामिल होती है। यह बाजार की अस्थिरता से निपटने के लिए एक मूल्यवान पाठ था।
द्वितीय तकनीकी सत्र में साउथ इंडियन बैंक शाखा प्रबंधक सूरज देशवाल ने बैंकिंग सेवाओं, वित्तीय उत्पादों और निवेश के अवसरों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने वित्तीय कल्याण को बढ़ावा देने में बैंकों की भूमिका पर जोर दिया और छात्रों को संगठित बचत और निवेश की आदतें अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि वे सुरक्षित वित्तीय भविष्य प्राप्त कर सकें।
विशेषज्ञ वार्ताओं के अलावा, कार्यशाला में वित्तीय जागरूकता पर एक रोचक क्विज़ का आयोजन किया गया। इसे प्रबंधन अध्ययन विभाग के प्रमुख, डॉ. हरभान सिंह और मोहित सैनी द्वारा आयोजित किया गया। क्विज़ में प्रतिभागियों की वित्तीय बाजार, निवेश साधन और व्यक्तिगत वित्त पर ज्ञान की जांच की गई, और विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
कार्यशाला में प्रमुख संकाय सदस्यों की सक्रिय भागीदारी रही, जिनमें ईएएफएम विभाग के प्रमुख, डॉ. विजय कुमार, डॉ. एचएस कुमावत, डॉ. सुनील कुमार गोयल, डॉ. राम प्रसाद बगड़ी, डॉ. सुरेंद्र यादव, डॉ. सरोज कुमार, योगिता मोतियानी, प्रीति सलूजा, प्रियंका कुमावत, गरिमा मीणा, सूर्य प्रकाश और लोकेश मीणा शामिल थे। उनकी उपस्थिति ने इस कार्यक्रम की अकादमिक सफलता में योगदान दिया। आस्था दुबे और सुमिता गुरनानी ने कार्यशाला का संचालन कुशलतापूर्वक किया।
कार्यशाला के अंत में लेखा एवं व्यावसायिक विभाग की प्रमुख डॉ. प्रेरणा जैन ने सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि कार्यक्रम का प्रवाह सुचारू रहे और प्रतिभागियों को एक स्वागतयोग्य और इंटरैक्टिव वातावरण प्राप्त हो। कार्यशाला के अंत में एक इंटरएक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों ने विभिन्न वित्तीय विषयों और निवेश रणनीतियों पर अपनी शंकाओं का समाधान किया।