अजमेर। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा है कि मौजूदा विषम सामाजिक परिस्थितियों में आर्य समाज की विचारधारा और गुरुकुलों की परम्पराओं को बढ़ाने की जरूरत है। आचार्य देवव्रत शुक्रवार को राजस्थान में अजमेर स्थित ऋषि उद्यान पर आयोजित ऋषि मेले में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि वह वर्तमान में जो कुछ भी हैं, उसके पीछे ऋषि दयानंद और आर्य समाज है। वह इसे सौभाग्य मानते हैं कि हमारा परिवार अब भी गुरुकुल परम्परा का पालन कर रहा है। आचार्य देवत्रत ने कहा कि मैं भी अपने बच्चों को कान्वेंट में पढ़ा सकता था, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया।
आचार्य देवव्रत ने कहा कि सोशल मीडिया और साइंस का विश्व में तेजी से प्रचार हो रहा है, लेकिन हमारे गुरुकुल आधुनिकता के साथ भी जुड़े और प्राचीन परम्पराओं को भी साथ लेकर चलें। हमें इस बात पर चिंतन करना होगा कि हम कैसे लोग पैदा कर रहे हैं। मोबाइल लेने पर बच्चा ही मां-बाप का दुश्मन बन जाता है।
उन्होंने धरती मां को जहरीला बनाने पर भी सवाल उठाए और कहा कि ऋषि दयानंद के समय प्राकृतिक खेती होती थी। लोग स्वस्थ और निरोगी होते थे, लेकिन अब खेती में वह बात कहां है। आचार्य देवव्रत ने ऋषि उद्यान में चल रहे यज्ञ में हिस्सा लिया और आहुति भी दी। उनके साथ अजमेर सांसद एवं केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी भी मौजूद रहे। उन्होंने वेद-प्रचारार्थ परोपकारिणी सभा को 11 लाख रुपए का सात्विक दान दिया।
केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री और अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी ने इस सत्र में अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि महर्षि दयानन्द ने गुलामी के अंधेरे में देश को जगाने का काम किया। ऋषि दयानन्द ने छुआछूत, अंधविश्वास कुप्रथा पर प्रहार कर नारी शिक्षा व सर्वजन शिक्षा का मार्ग प्रशस्त किया। आज धरती बीमार है जब धरती स्वस्थ होगी तभी हम भी स्वस्थ रहेंगे। गौ आधारित प्राकृतिक खेती ही स्वस्थ-जीवन का उपाय है। सांसद कोष से ऋषि उद्यान में सेमिनार हॉल निर्माण के लिए पच्चीस लाख देने की घोषणा की। यह भवन संस्कृत, वेद शास्त्रों के पठन पाठन और वैदिक अनुसंधान के काम आएगा। यहां योग की भी शिक्षा दी जाएगी।
समारोह के दौरान महर्षि दयानन्द की द्वि जन्म शताब्दी के अवसर पर प्रकाशित स्मारिका और वैद्य रविदत्त जी पुस्तक का विमोचन किया। पुरुषोत्तम आर्य ने भारत सरकार के डाक विभाग द्वारा जारी किए गए विभिन्न डाक टिकटों का संकलन भेंट किया। इस सत्र की अध्यक्षता डॉ. योगानन्द शास्त्री पूर्व अध्यक्ष विधानसभा दिल्ली ने की, संचालक डॉ. राजेन्द्र विद्यालंकार थे। सत्र में डॉ. सुरेन्द्र कुमार पूर्व कुलपति ने भी विचार व्यक्त किए। दिनेश पथिक ने सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी।
ऋषि मेले के दूसरे दिन कल राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े शामिल होंगे। तीन दिवसीय ऋषि मेला 20 अक्टूबर तक चलेगा और आर्यसमाज के विद्वतजनों के सम्मान के साथ सम्पन्न हो जाएगा।